बदमाश इतना शातिर था कि पुलिस से बचने के लिए न तो अपने पास मोबाइल रखता था और न ही किसी से मोबाइल पर बात करता था। शातिर अपना ठिकाना भी बदलता रहता था। उसने तीन बार अवैध कारोबार छोड़ने की कसम भी खाई। लेकिन उसके शौक इतने बड़े थे कि इमानदारी के पैसों से गुजारा नहीं हो पा रहा और उधार पर उधार चढ़ रहा था। हम बात कर रहे हैं तीस हजार के इनामी आरोपी जगदीश की, जिसे जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि जोधपुर रेंज के मादक पदार्थों के अवैध धंधे से सामान्य नागरिकों को नशे के आगोश में धकेल वाले शातिर बदमाशों के खिलाफ साइक्लोन टीम की कार्रवाईयां लगातार जारी हैं। टीम ने तीस हजार रुपये के इनामी और पिछले तीन वर्ष से फरार चल रहे आरोपी जगदीश को गिरफ्तार किया है। आरोपी आठवीं कक्षा तक पढ़ा है। आरोपी ने पहले ड्राइविंग का कार्य किया और फिर अपनी गाड़ी खरीदी और अपनी गाड़ी से ही मादक पदार्थों की खेप की सप्लाई का कार्य करने लगा। परिवार और रिश्तेदार जगदीश को मादक पदार्थों के अवैध व्यापार से तौबा करने की समजाइश करते रहे।
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राज कपूर की फिल्म तीसरी कसम की तरह आरोपी जगदीश ने तीन बार कसम खाई कि तस्करी के धंधे से तौबा करूंगा। लेकिन तीसरी बार वह फिर से कसम तोड़कर अवैध धंधे में कूद गया। जगदीश पहली बार कसम वर्ष 2012 में मुकदमा दर्ज होने पर खाई। दूसरी बार कसम 2018 में छह वर्ष बाद जेल से बाहर आने पर खाई। तीसरी बार कसम अपने सगे भांजे के मादक पदार्थों के सेवन से मर जाने पर खाई, परंतु जगदीश के शौक कितने बड़े थे कि इमानदारी के पैसों से गुजारा नहीं हो पा रहा था और उधार पर उधार चढ़ता जा रहा था।
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जगदीश फिर नशे के इस कारोबार में कूद गया। पकड़े जाने पर जगदीश ने कई बार विनती की। युवाओं तक मेरा यह संदेश पहुंचा दो कि कोई भी मेरी तरह भटकाव के रास्ते पर न चले, यह रास्ता सिर्फ और सिर्फ विनाश की तरफ ले जाता है। लेकिन तीन वर्ष तक फरार चलने के दौरान अपने भांजे के साथ स्टील का कार्य करना चाहा और आंध्रप्रदेश चला गया। परंतु वहां भी लंबे समय तक नहीं टिकते हुए अपने अवैध धंधे की जड़े जमाना चाहा। साइक्लोन टीम ने अपराधी की तलाश हेतु अपराधी जगदीश के रिश्तेदारों की कुंडली खंगाली। जगदीश की एमडी तस्करी में पड़ जाने की सूचना पर जगदीश की गिरफ्तारी पर इनाम बढ़ाकर उसकी गिरफ्तारी हेतु ऑपरेशन विश्व व्यंजन करीब पांच महीने पहले शुरू किया गया।
आरोपी की तलाश के दौरान सामने आए कि वह अपने एक भांजे के संपर्क में है। इनाम घोषित होने के बाद जगदीश ने अपना ठिकाना आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु की तरफ कर लिया। जगदीश इतना शातिर था कि वह न तो अपने पास मोबाइल रखा था और न ही एक जगह टिक कर रहता था।
पुलिस को सूचना मिली कि जगदीश विजयवाड़ा से राजस्थान गया है और होली मनाने के बाद वापस आएगा। पुलिस की टीम में लगातार उसके भांजे पर नजर रख रही थी। तभी पुलिस के सामने आया कि भांजे ने बागोड़ा से विजयवाड़ा तक बस का टिकट करवाया है। पुलिस की टीमों ने भांजे की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की और बस के चलने से तीन-चार घंटे पूर्व भांजे की गतिविधियों के आधार पर उसके ठिकाने पर दबिश दी गई। आरोपी जगदीश ने चुस्ती दिखाते हुए कार में बैठकर भागने का प्रयास किया, लेकिन साइक्लोनर टीम ने उसे पकड़ लिया।