सुनीता विलियम्स जिस स्पेस स्टेशन में 9 महीने रहीं उसकी कितनी है कीमत? क्यों जाते हैं अंतरिक्ष यात्री, समझें

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Last Updated:March 19, 2025, 11:14 IST

Sunita Williams Return: सुनीता विलियम्स 9 महीने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहने के बाद पृथ्वी पर लौटीं. ISS एक शोध केंद्र है, जो 402 किमी ऊंचाई पर स्थित है और हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करता…और पढ़ें

अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन. (Reuters)

हाइलाइट्स

  • सुनीता विलियम्स 9 महीने बाद पृथ्वी पर लौटीं
  • ISS का निर्माण 1998 से 2011 के बीच हुआ
  • ISS की लागत लगभग 150 बिलियन डॉलर है

वॉशिंगटन: स्पेस में लंबे समय तक रहने के बाद सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर वापस लौट आई हैं. 9 महीने तक वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में ‘फंसी रहीं’. ISS से निकलने के कुछ ही घंटों बाद उनका स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा के तल्हासी तट से दूर मैक्सिको की खाड़ी में उतरा. हम सुनीता विलियम्स की यात्रा नहीं बल्कि आज उस स्पेस स्टेशन के बारे में जानेंगे, जहां वह 9 महीने तक रहीं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में मौजूद एक रिसर्च लैब है. इसका निर्माण 1998 से 2011 के बीच पूरा हुआ. 2 नवंबर 2000 से इस पर अंतरिक्ष यात्री रह रहे हैं.

ISS दुनिया का सबसे महंगा प्रोजेक्ट है, जिसे बनाने में लगभग 150 बिलियन डॉलर खर्च हुए. इतनी बड़ी लागत के कारण ही कोई एक देश इसका पूरी तरह से मालिक नहीं है. यूरोपीय स्पेस एंजेसी, अमेरिका, रूस, कनाडा और जापान ने इसे मिलकर बनाया है. नासा को हर साल स्पेस स्टेशन के संचालन में 3 बिलियन डॉलर का खर्च होता है. मई 2022 तक 20 देशों के 258 अंतरिक्ष यात्री ISS का दौरा कर चुके हैं. सबसे ज्यादा अमेरिका और रूस के अंतरिक्ष यात्री यहां गए हैं.

स्पेस स्टेशन कितना बड़ा?
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक इसका आकार एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक 109 मीटर है. वजन 419725 किग्रा है, जिसमें विजिटिंग वाहन शामिल है. अकेले सौर पैनल एक एकड़ का एरिया कवर करता है. स्पेस स्टेशन में सात स्लीपिंग क्वार्टर हैं. इसमें दो बाथरूम, एक जिम और पृथ्वी को देखने के लिए 360 डिग्री व्यू वाली खिड़की है.

स्पेस स्टेशन पृथ्वी की लगभग 402 किमी की ऊंचाई पर स्थित होकर परिक्रमा. इसकी परिक्रमा का रास्ता 90 फीसदी आबादी देख सकती है. इसपर सौर पैनल हैं, जिस कारण इसे टेलीस्कोप के जरिए देखा जा सकता है.

ISS की स्पीड क्या है?
ISS हर 90 मिनट में एक बार पृथ्वी का चक्कर लगाता है. इसकी स्पीड 28,000 किमी/घंटा होती है. एक दिन में स्पेस स्टेशन पृथ्वी का इतना चक्कर लगाता है, जो कि पृथ्वी से चंद्रमा तक जाने और वापस आने की दूरी बराबर होती है.

स्पेस स्टेशन पर क्या करते हैं?
स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यात्री आमतौर पर लगभग छह महीने रुकते हैं. इस दौरान वह विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग और ISS का रखरखाव करते हैं. काम के अलावा अंतरिक्ष यात्री व्यायाम और व्यक्तिगत देखभाल के लिए दो घंटे का समय बिताते हैं. कभी-कभी वे स्पेस स्टेशन के बाहर जाकर स्पेसवॉक भी करते हैं. दूसरे ग्रहों पर जाना भी वैज्ञानिकों का लक्ष्य है. ऐसे में ISS एक ऐसा मंच है, जिससे वह यह प्रयोग कर सकते हैं कि चांद या मंगल पर पृथ्वी से दूर कैसे रहा जा सकता है.

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सुनीता विलियम्स जिस स्पेस स्टेशन में 9 महीने रहीं उसकी कितनी है कीमत? जानें

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