घटेगी महंगाई, लोन पर ब्‍याज भी देना होगा कम, मॉर्गन स्‍टेनली ने जताई उम्‍मीद

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Last Updated:March 18, 2025, 14:49 ISTमॉर्गन स्टेनली ने 2025-26 में भारत की खुदरा महंगाई औसतन 4% रहने की उम्मीद जताई है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी से आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में 0.75% की कटौती कर सकता है.वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई औसतन चार प्रतिशत रहेगीहाइलाइट्स2025-26 में भारत की खुदरा महंगाई औसतन 4% रहने की उम्मीद.आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में 0.75% की कटौती कर सकता है.खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी से महंगाई में नरमी.नई दिल्ली. अमेरिकी निवेश बैंक एवं वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की खुदरा महंगाई औसतन चार प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है. कंपनी ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति की दर चार प्रतिशत पर रहने का मतलब है कि आने वाले महीनों में आरबीआई द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है, जबकि पहले 0.50 प्रतिशत की कटौती का अनुमान जारी किया गया था.

मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण मुद्रास्फीति में नरमी से अतिरिक्त कटौती की गुंजाइश बनती है. रिपोर्ट में कहा गया है, “लगातार दो महीने (जनवरी और फरवरी में) ओवरऑल मुद्रास्फीति की दर अनुमानों से कम रही है. इसे देखते हुए हम अपने मौद्रिक नीति परिदृश्य को अपडेट करते हैं, और (नीतिगत दरों में) 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती को जोड़ते हैं.”

4 फीसदी रहेगी महंगाईरिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई औसतन चार प्रतिशत रहेगी, जबकि इसके पहले 4.3 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था. अमेरिका कंपनी ने कहा, “इस प्रकार, हम 0.50 प्रतिशत के अपने पिछले अनुमान से 0.75 प्रतिशत की संचयी दर कटौती की ओर अग्रसर हैं.” जनवरी और फरवरी के खुदरा महंगाई के आंकड़ों में अपेक्षा से तेज गिरावट देखी गई, जो खाद्य मुद्रास्फीति में कमी के कारण संभव हुई. वहीं, कोर मुद्रास्फीति निचले स्तर पर सीमित दायरे में बनी रही.

मॉर्गन स्टेनली ने कहा, “31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाही के लिए अब हम हमारे पूर्व अनुमान 4.3 प्रतिशत की तुलना में खुदरा महंगाई के औसतन चार प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाते हैं. आरबीआई का ओवरऑल मुद्रास्फीति का एक लक्ष्य (2-6 प्रतिशत) है, इसलिए हमारा मानना ​​है कि इससे अतिरिक्त नरमी की गुंजाइश बनती है.” फरवरी में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 3.61 प्रतिशत रही. छह महीने में पहली बार यह आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है.

खाद्य मुद्रास्‍फीति रही है ज्‍यादाखाद्य मुद्रास्फीति पिछले 12 महीने में ओवरऑल मुद्रास्फीति से ज्यादा रही है. इसमें मौसम संबंधी व्यवधानों का भी योगदान रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खाद्य मुद्रास्फीति के परिदृश्य में सुधार हुआ है क्योंकि रबी और खरीफ फसल उत्पादन में सालाना आधार पर वृद्धि का अनुमान है, जो अस्थिरता को कम करने में भी मदद करेगा.”

भले ही विकास में तेजी आ रही है, लेकिन ऋण वृद्धि की प्रवृत्ति अब भी 11 प्रतिशत पर नरम है, जो वित्तीय स्थिरता की चिंताओं को दूर रखता है और विनियमन तथा तरलता के मोर्चे पर और अधिक कटौती की संभावना को दर्शाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोर मुद्रास्फीति में गिरावट आश्चर्यजनक रही है, जो कोर वस्तुओं और सेवाओं की मुद्रास्फीति के निचले स्तर से प्रेरित है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 18, 2025, 14:49 ISThomebusinessघटेगी महंगाई, लोन पर ब्‍याज भी देना होगा कम, मॉर्गन स्‍टेनली ने जताई उम्‍मीद

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