“सेक्स बिकता है!”—ये बात नई नहीं है. सदियों से सत्ता, धर्म, युद्ध और बिज़नेस में इसका इस्तेमाल होता आया है. कभी ब्लैकमेल के लिए, कभी सौदेबाज़ी के लिए, तो कभी इसे मोक्ष या आध्यात्मिकता का नाम देकर बेचा गया. राजा-महाराजाओं से लेकर आज के राष्ट्रपतियों, बिज़नेस टायकून्स और धर्मगुरुओं तक, हर कोई इस खेल में फंसा हुआ है. आज फिर यह गंदा खेल सुर्खियों में है: “एपस्टीन लिस्ट” के नए खुलासों की वजह से.
एपस्टीन लिस्ट: क्या नया खुलासा हुआ?
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने 200 पेज की रिपोर्ट जारी की, जिसमें जेफ्री एपस्टीन के कॉन्टैक्ट डिटेल्स, फ्लाइट लॉग्स और कई सीक्रेट डॉक्युमेंट्स शामिल हैं.
रिपोर्ट में सामने आए कुछ बड़े नाम:
माइकल जैक्सन (Pop Icon)
मिक जैगर (Rolling Stones के सिंगर)
एलेक बाल्डविन (Hollywood Actor)
एथेल कैनेडी (Robert F. Kennedy Jr. की मां)
एंड्रयू कुओमो (Former Governor of New York)
नाओमी कैंपबेल (Supermodel)
कोर्टनी लव (Rock Singer)
इवाना ट्रंप और इवांका ट्रंप (Trump Family)
जॉन हंट्समैन (Business Tycoon)
डस्टिन हॉफमैन (Hollywood Actor)
टेड कैनेडी (Former U.S. Senator)
राल्फ फिएन्स (Hollywood Actor)
एलन डर्शोविट्ज (Famous Lawyer)
जॉन कैरी (Former U.S. Secretary of State)
बॉब वीनस्टीन (Film Producer)
डेविड कोच (Billionaire)
लिज़ हर्ली (Model & Actress)
लेकिन क्या ये लोग दोषी हैं?
डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने साफ किया है कि ये सिर्फ एक कॉन्टैक्ट लिस्ट है, “क्लाइंट लिस्ट” नहीं. यानी, जिनके नाम इसमें हैं, जरूरी नहीं कि वे एपस्टीन के सेक्स रैकेट में शामिल थे. लोगों को उम्मीद थी कि इससे कुछ बड़े राज़ खुलेंगे—जैसे: कौन-कौन एपस्टीन के ‘पेडोफाइल आइलैंड’ पर गया था? क्या कोई बड़ी हस्ती ब्लैकमेल हो रही थी? लेकिन रिपोर्ट में ज़्यादातर वही नाम थे, जो पहले भी लीक हो चुके थे. जेफ्री एपस्टीन कौन था और उसकी लिस्ट क्यों अहम है?
जेफ्री एपस्टीन सिर्फ एक अरबपति बिज़नेसमैन नहीं था. वह दुनिया के सबसे बड़े सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क में शामिल था. उसके पास एक प्राइवेट आइलैंड था, जिसे “पेडोफाइल आइलैंड” कहा जाता था. मुक़ामी लोगों का भी कहना था कि वे नौजवान और कमसिन लड़कियों का इस आइलैंड पर आना और जाना देखते थे.
यहां दुनिया के सबसे अमीर और ताकतवर लोगों को नाबालिग लड़कियाँ सप्लाई की जाती थीं. गिस्लेन मैक्सवेल: एपस्टीन की सबसे करीबी साथी. गिस्लेन मैक्सवेल इस पूरे नेटवर्क को मैनेज करती थी. जब मामला खुला, तो उसे जेल में डाल दिया गया. लेकिन एपस्टीन खुद जेल में मरा पाया गया. आधिकारिक तौर पर इसे “आत्महत्या” बताया गया.
लेकिन क्या यह हत्या थी?—आज भी इस पर बहस जारी है. गिस्लेन मैक्सवेल अब भी जेल में है, लेकिन इस रैकेट में शामिल सबसे ताकतवर लोग अब भी खुले घूम रहे हैं.
सेक्स: सत्ता और ब्लैकमेलिंग का सबसे पुराना खेल
रोम के सीज़र से लेकर आज के नेताओं और बिज़नेस टायकून्स तक, सेक्स हमेशा से सत्ता का हथियार रहा है.
ब्लैकमेलिंग और पावर गेम:
बड़े लोगों की कमजोरियाँ ही उनके खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बनती हैं.
एपस्टीन के पास जो वीडियो फुटेज और सबूत थे, वे सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि ब्लैकमेल मटेरियल थे.
बिज़नेस और सेक्स
अरबों-खरबों डॉलर की डील्स अक्सर “हाई-एंड एस्कॉर्ट सर्विसेज़” के जरिए फाइनल होती हैं.
आध्यात्मिकता और सेक्स
ओशो जैसे दार्शनिकों ने इसे “आध्यात्मिक अनुभव” कहकर बेचा.
कई धर्मगुरुओं ने इसे “मोक्ष” का रास्ता बताया.
हाल ही में श्याम सिंह मीरा ने एक चर्चित भारतीय गुरु पर अपने एक यूट्यूब शो में कुछ प्राइम साबुत के साथ गंभीर आरोप लगाए.
युद्ध और रेप
जब भी कोई क़ौम हारी है, सबसे ज्यादा जुल्म औरतों पर हुआ है:
द्वितीय विश्व युद्ध
1947 का भारत-पाकिस्तान बंटवारा
इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष
सूडान का गृहयुद्ध, इस लिस्ट का घटना को कोई अंत नहीं.
ट्रंप, क्लिंटन और एपस्टीन लिस्ट
डोनाल्ड ट्रंप और बिल क्लिंटन, दोनों का नाम एपस्टीन से जुड़ा है.
सबूत:
“लोलिता एक्सप्रेस”— एपस्टीन का प्राइवेट जेट
ट्रंप और क्लिंटन ने इस जेट से सफर किया था
क्लिंटन ने माना कि वह 26 बार एपस्टीन के आइलैंड पर गया
ट्रंप पर पहले भी कई यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं.
क्या एपस्टीन लिस्ट से कुछ बदलेगा?
शायद नहीं.
ताकतवर लोग हमेशा अपने अपराध छिपाने में कामयाब रहते हैं.
इस रिपोर्ट में ऐसा कोई बड़ा नया खुलासा नहीं हुआ जिससे किसी को जेल हो सके.
निष्कर्ष: सत्ता, सेक्स और पैसा—ये खेल चलता रहेगा!
दुनिया ऐसे ही चलती आई है और शायद ऐसे ही चलती रहेगी.
सत्ता, सेक्स और पैसा— इनका गठजोड़ आज भी उतना ही मज़बूत है जितना सदियों पहले था.
लोग बदले, तरीके बदले, लेकिन सच्चाई नहीं बदली.
जब तक सत्ता रहेगी, ताकत रहेगी, तब तक सेक्स एक हथियार की तरह इस्तेमाल होता रहेगा- कभी ब्लैकमेलिंग के लिए, कभी बिज़नेस के लिए, तो कभी धर्म के नाम पर. जेफ्री एपस्टीन से जुड़े इन नए दस्तावेज़ों ने कुछ बड़े नाम तो सामने ला दिए, लेकिन अब भी पूरी सच्चाई का इंतजार जारी है.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]
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