Sunita Williams& Butch Wilmore: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर मंगलवार (18 मार्च) को धरती पर लौट रहे हैं. दोनों एस्ट्रोनॉट SpaceX क्रू कैप्सूल में समंदर में लैंड करेंगे. इस कैप्सूल को खोलने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को स्ट्रेचर पर लाया जाएगा. उन्हें स्ट्रेचर पर इसलिए नहीं लाया जाएगा क्योंकि वो बीमार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये एस्ट्रोनॉट्स की सेफ्टी प्रोटोकॉल का हिस्सा है.
स्पेस में महीनों बिताने के बाद एस्ट्रोनॉट्स अचानक चल नहीं सकते. उनके शरीर में कई बदलाव भी हो जाते हैं, जिससे बैलेंस और मसल्स पर असर पड़ता है. दरअसल धरती पर ग्रैविटी हमारे शरीर को कंट्रोल में रखती है, लेकिन स्पेस में ऐसा नहीं होता. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) लगातार पृथ्वी की ओर फ्री-फॉल में रहता है. इससे एस्ट्रोनॉट्स को वजनहीनता महसूस होती है. जब वो ज्यादा दिनों तक स्पेस में बने रहते हैं तो उनका शरीर इसके लिए तैयार हो जाता है. इसीलिए जब सुनीता विलियम्स और बुल विल्मोर धरती पर आएंगे तो उन्हें स्ट्रेचर पर रखा जाएगा.
स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स की बॉडी पर क्या असर पड़ता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ग्रैविटी की कमी से संतुलन बनाए रखने वाला सिस्टम कमजोर पड़ जाता है. जब एस्ट्रोनॉट्स स्पेस से लौटते हैं तो उनका शरीर फिर से ग्रैविटी को महसूस करने की कोशिश करता है. इससे उन्हें चक्कर आना, कमजोरी और स्पेस मोशन सिकनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. हालांकि एस्ट्रोनॉट मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज भी करते हैं, लेकिन फिर भी मसल्स और बोन लॉस होता ही है.
जून, 2024 में धरती से गए थे सुनीता और विल्मोर
सुनीता विलियम्स और विल्मोर 5 जून, 2024 को धरती से गए थे और उनका आईएसएस पर रुकने का प्लान थोड़े समय का ही था. हालांकि कुछ वक्त बाद ही इंजीनियरों ने स्टारलाइनर में हीलियम लीक और प्रोपल्शन सिस्टम में खराबी का पता लगाया, जिससे वापसी के लिए ये यान अनसेफ हो गया. अगस्त, 2024 में नासा ने देरी को स्वीकार करते हुए कहा कि 2025 की शुरुआत में स्पेसएक्स मिशन के जरिए उनकी वापसी का प्लान बनाना शुरू किया. सितंबर 2024 में स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों के बिना पृथ्वी पर वापस लौटा, जिससे अन्य अंतरिक्ष यान के लिए डॉकिंग पोर्ट खाली हो गया.
ड्रैगन कैप्सूल से वापस आएंगी सुनीता विलियम्स
फाइनली नासा ने सुनीता विलियम्स को लाने के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन क्रू कैप्सूल को चुना. ये कैप्सूल बनने के बाद से अब तक 49 बार लॉन्च हो चुका है. ड्रैगन कैप्सूल ने 44 बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा की है और 29 बार रीफ्लाइट हुई है.
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