Last Updated:March 18, 2025, 08:25 ISTMoney Laundering Meaning: मनी लॉन्ड्रिंग, एक प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी है. गुजरात से सामने आए एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर सख्त टिप्पणी की है.हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग पर सख्त नाराजगी जताई.मनी लॉन्ड्रिंग में अवैध स्रोत छुपाने की वित्तीय धोखाधड़ी होती है.PMLA, 2002 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों को सजा का प्रावधान है.Money Laundering Meaning: देश की सर्वोच्च अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग और इसमें सत्ता में बैठे लोगों के शामिल होने पर सख्त नाराजगी जताई है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांचे गए मामलों में गुजरात के पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा की याचिका सोमवार को खारिज कर दी और कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के धन शोधन में शामिल होने से शासन में जनता का विश्वास खत्म हुआ है और वित्तीय संस्थानों में प्रणालीगत कमजोरियां पैदा हुई हैं.
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें शर्मा ने गुजरात पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के कई मामलों की प्रारंभिक जांच का अनुरोध किया था. आइये आपको बताते हैं आखिर क्या होती है मनी लॉन्ड्रिंग…
मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब
मनी लॉन्ड्रिंग, एक ऐसी वित्तीय धोखाधड़ी है जिसमें अपराधी अपनी सम्पत्ति के अवैध स्रोत को छुपाते हैं. इस धोखाधड़ी का मकसद कालेधन को सरकार और कानूनी एजेंसियों की नजरों से छिपाना होता है ताकि इसे बिना किसी शक के इस्तेमाल किया जा सके.
मनी लॉन्ड्रिंग के तरीके
-फर्जी कंपनियों के माध्यम से लेन-देन-अचल संपत्ति में निवेश-जुए और कैसीनो के जरिए धन को छुपाना-क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग-व्यापार में ओवर-इनवॉइसिंग और अंडर-इनवॉइसिंग
मनी लॉन्ड्रिंग, दुनिया के ज्यादातर देशों में एक गंभीर अपराध है. भारत में, “प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002” के तहत मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों को सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात से जुड़े धन शोधन निवारण अधिनियम मामले में कहा कि धन शोधन के दूरगामी परिणाम होते हैं, न केवल भ्रष्टाचार के व्यक्तिगत कृत्यों के संदर्भ में, बल्कि इससे सरकारी खजाने को भी काफी नुकसान होता है. पीठ ने कहा, ‘वर्तमान मामले में कथित अपराधों का अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है, क्योंकि अवैध वित्तीय लेन-देन राज्य को वैध राजस्व से वंचित करते हैं, बाजार की अखंडता को प्रभावित करते हैं और आर्थिक अस्थिरता को बढ़ावा देते हैं.
सत्ता में बैठे व्यक्तियों द्वारा किए जाने वाले ऐसे कृत्य शासन में जनता के विश्वास को खत्म करते हैं और वित्तीय संस्थानों के भीतर प्रणालीगत कमजोरियों को जन्म देते हैं.’
(भाषा से इनपुट के साथ)
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 18, 2025, 08:25 ISThomebusinessक्या होती है मनी लॉन्ड्रिंग, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
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