म्यूचुअल फंड दे रहे धोखा! 10 महीनों की सबसे बुरी हालत, इन जगहों से होगी अब कमाई?

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Last Updated:March 14, 2025, 17:48 ISTइक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 10 महीने के निचले स्तर पर है. एक्सपर्ट्स हाइब्रिड फंड्स, ईटीएफ, फिक्स्ड डिपॉजिट और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं. गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश से पोर्टफोलि…और पढ़ेंम्यूचुअल फंड में कैश इन्फ्लो 10 महीने के निचले स्तर पर.हाइलाइट्सइक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 10 महीने के निचले स्तर पर.एक्सपर्ट्स हाइब्रिड फंड्स, ईटीएफ, फिक्स्ड डिपॉजिट पर ध्यान देने की सलाह.गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश से पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई होता है.नई दिल्ली. शेयरों में पैसा लगाने वाले म्यूचुअल फंड की स्थिति 10 महीने में सबसे खराब हो गई है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में इन्फ्लो में 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. जनवरी में जहां इक्विटी म्यूचुअल फंड में 39,687 करोड़ रुपये का निवेश आया था जो फरवरी में 26 फीसदी घटकर 29,303 करोड़ रुपये रह गया. म्यूचुअल फंड में गिरावट के बाद अब एक्सपर्ट्स अन्य निवेश विकल्पों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं.

एक्सपर्ट्स द्वारा कुछ ऐसे विकल्प सुझाए जा रहे हैं जहां कम रिस्क के साथ अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इसमें ईटीएफ और हाइब्रिड फंड्स शामिल हैं. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

हाइब्रिड फंड्सइन फंड में आपको इक्विटी सेविंग्स फंड, बैलेंस एडवांटेज फंड, मल्टी एसेट फंड और एसेट एलोकेटर फंड्स का मिक्स मिल जाता है. इससे आपके रिटर्न की संभावना भी बढ़ जाती है और रिस्क भी कम रहता है. इंडिया टुडे की एक खबर के अनुसार, स्क्रिपबॉक्स के मैनेजिंग पार्टनर सचिन जैन ने कहा है कि हाइब्रिड फंड्स मौजूदा मार्केट में अच्छा विकल्प हैं. उनका कहना है कि 12 लाख रुपये की सालाना आय वाले लोगों को फिक्स्ड इनकम विकल्पों को देखना चाहिए जहां से उन्हें 7.5 से 8 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. लेडरअप एसेट मैनेजमेंट के एमडी राघवेंद्र नाथ का कहना है कि तेज उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे इस बाजार में निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स जैसे विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए.

ईटीएफगोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश से पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन होता है और रिस्क भी घटता है. राघवेंद्र नाथ कहते हैं कि अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में डालने से आपका रिस्क भी कम होता है और पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई हो जाता है. हालांकि, एक्सपर्ट्स पूरी तरह से म्यूचु्अल फंड से दूरी बनाने के भी खिलाफ हैं. उनका कहना है कि कोई भी अच्छा फंड एक शेयर में पूरे पोर्टफोलियो का 3-4 फीसदी से अधिक पैसा नहीं लगाता है. जैन ने कहा है कि ज्यादा पैसा निवेशक तभी खोएंगे जब वह भारी गिरावट के बीच फंड से बाहर निकलने लगते हैं. उन्होंने स्मॉल और मिड कैप फंड्स में जरूरत से ज्यादा निवेश के खिलाफ सलाह दी है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 14, 2025, 17:48 ISThomebusinessम्यूचुअल फंड दे रहे धोखा! 10 महीनों की सबसे बुरी हालत, इन जगहों से होगी कमाई?

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