‘मौत’ को दावत देते हैं होली के ये तीन रंग, जानें कैसे और कितना खतरनाक

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Holi Harmful Color : होली पर बाजार रंग-बिरंगे अबीर-गुलाल से गुलजार हैं. दुकानों पर पिचकारी-रंग जितने खूबसूरत नजर आ रहे हैं, उतने ही खतरनाक भी हो सकते हैं. केमिकल वाले रंग (Chemical colours) खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ा रहे हैं. इनसे आंखों की रोशनी जाने से लेकर कैंसर तक का जोखिम है. इतना ही नहीं इन रंगों से मौत तक हो सकती है. जानकर हैरान रह जाएंगे कि मार्केट में मिल रहे हर्बल रंगों की पैकिंग में भी मिलावट हो रही है. जिसकी वजह से खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है. इनमें से तीन रंग सीधे मौत को दावत दे रहे हैं. आइए जानते हैं इन रंगों के बारें में…

जानलेवा हो सकते हैं होली के 3 रंग

1. सिल्वर कलर (Silver Color)

यह सबसे खतरनाक कलर मानाजाता है. यह पक्का रंग होता है. इस कलर को चमकदार और पक्का बनाने के लिए इसमें एल्युमीनियम ब्रोमाइड मिलाया जाता है, जो सीधे स्किन कैंसर का कारण बन सकता है. इसलिए इस रंग से खुद और अपनों को बचाने की कोशिश करें.

2. चमकीला रंग (Bright Color)

चमकीला रंग भले ही आकर्षक लगता है लेकिन इससे होली नहीं खेलनी चाहिए. इस तरह के रंग में लैड यानी शीशा मिलाया जाता है, जो स्किन एलर्जी का खतरा बढ़ाता है. इससे 80 प्रतिशत तक एलर्जी होने का रिस्क रहता है.

3. डार्क ग्रीन कलर (Dark Green Color)

होली खेलने जा रहे हैं तो डार्क ग्रीन कलर से भी बचकर ही रहें. बाजार में यह रंग काफी ज्यादा बिकता है. इस रंग का गुलाल खूब खरीदा भी जाता है. यह देखने में सुंदर होता है, इसलिए लोग इसकी तरफ ज्यादा अट्रैक्ट होते हैं. इस रंग में कॉपर सल्फेट मिलाया जाता है, जो आंखों की बीमारी का कारण बन सकता है. अगर ये कलर आंखों में चला जाए तो रोशनी तक जा सकती है.

होली के खतरनाक रंगों की पहचान कैसे करें

चमकदार रंगों को खरीदने से बचें.

डॉर्क कलर की बजाय हल्के कलर लें. क्योंकि इन्हें गाढ़ा बनाने के लिए ज्यादा केमिकल मिलाए जाते हैं.

थोड़ा सा पानी लेकर रंगों की पहचान कर सकते हैं. अगर रंग में केमिकल या लेड होगा तो वह पानी में नहीं घुलेगा.

अगर रंग या गुलाल से पेट्रोल या केमिकल जैसी स्मेल आए तो समझ जाएं कि वो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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