Last Updated:February 26, 2025, 10:33 ISTLimit on Mutual Fund Scheme : देश के दिग्गज फंड हाउस एडलवाइज म्यूचुअल फंड ने अपनी 7 स्कीम्स में निवेश पर लिमिटेशन लगा दी है. फंड हाउस ने बताया कि 27 फरवरी से इस पर प्रतिबंध लागू हो जाएगा.एडलवाइज म्यूचुअल फंड ने 7 योजनाओं पर सीमाएं लगा दी हैं. हाइलाइट्सएडेलवाइस म्यूचुअल फंड ने 7 योजनाओं में निवेश सीमा लगाई.27 फरवरी से प्रति पैन 1 लाख रुपये की सीमा लागू होगी.मौजूदा SIPs/STPs पर प्रतिबंध का असर नहीं होगा.नई दिल्ली. देश के बड़े फंड हाउस में शुमार एडेलवाइस म्यूचुअल फंड ने अपनी 7 योजनाओं में निवेश पर लिमिटेशन लगा दी है. ये स्कीम्स वैश्विक प्रतिभूतियों में निवेश करती हैं और इन पर 27 फरवरी से लिमिटेशन लागू होंगी. इस म्यूचुअल फंड हाउस के पास दिसंबर तिमाही के अंत में लगभग 1.43 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी. फंड हाउस ने कहा कि उसकी कुछ योजनाएं विदेशी निवेश सीमा के करीब पहुंच चुकी हैं.
एडेलवाइस म्यूचुअल फंड भारत की 13वीं सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) है. फंड हाउस ने बताया है कि 27 फरवरी से प्रभावी रूप से एक दिन में 1 लाख रुपये प्रति पैन के माध्यम से लंपसम, स्विच-इन, सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान (STPs) आदि के माध्यम से सब्सक्रिप्शन को सीमित करने का निर्णय लिया गया है.
25 फरवरी तक मिलेगी छूटफंड हाउस के अनुसार, यह प्रतिबंध लेनदेन रिपोर्टिंग तिथि के आधार पर लागू होगा. इसके अलावा 25 फरवरी, 2025 तक कटऑफ समय से पहले रिपोर्ट किए गए लेनदेन, जिसमें स्विच-इन योजना भी शामिल है. इस सीमा प्रतिबंध के लिए विचार नहीं किए जाएंगे. मौजूदा सिस्टेमैटिक लेनदेन जैसे कि SIPs/STPs आदि अप्रभावित रहेंगे.
इन योजनाओं पर लगा प्रतिबंधएडलवाइज ने जिन योजनाओं पर प्रतिबंध लगाया है उसमें एडेलवाइज ASEAN इक्विटी ऑफ-शोर फंड, एडेलवाइज ग्रेटर चाइना इक्विटी ऑफ-शोर फंड, एडेलवाइज यूएस टेक्नोलॉजी इक्विटी फंड ऑफ फंड, एडेलवाइज इमर्जिंग मार्केट्स ऑपर्च्युनिटीज इक्विटी ऑफ-शोर फंड, एडेलवाइज यूरोप डायनेमिक इक्विटी ऑफ-शोर फंड, एडेलवाइज यूएस वैल्यू इक्विटी ऑफ-शोर फंड और एडेलवाइज MSCI इंडिया डोमेस्टिक एंड वर्ल्ड हेल्थकेयर 45 इंडेक्स फंड शामिल हैं. इनमें से छह फंड पूरी तरह से विदेशी प्रतिभूतियों पर केंद्रित हैं, जबकि एडेलवाइज इंडिया डोमेस्टिक एंड वर्ल्ड हेल्थकेयर फंड भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रमुख कंपनियों में निवेश करता है.
सेबी ने जारी किए थे निर्देशभारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने फरवरी 2022 में घरेलू म्यूचुअल फंड कंपनियों को विदेशी शेयरों में और निवेश करने से रोकने के लिए कहा था. इसका उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों और फंडों में निवेश के लिए निर्धारित 7 अरब डॉलर की सीमा का उल्लंघन रोकना था. केंद्रीय बैंक ने व्यक्तिगत फंड हाउस के लिए 1 अरब डॉलर और विदेशी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETFs) में निवेश के लिए 1 अरब डॉलर की सीमा भी तय की है. हालांकि, बाद में सेबी ने म्यूचुअल फंडों को विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमति दे दी, बशर्ते कि उनका फंड आवंटन RBI की सीमाओं का पालन करे.
इस फंड ने दिया बंपर रिटर्नवैल्यू रिसर्च के डेटा के अनुसार, चीन इक्विटी फंड्स ने पिछले साल औसतन 55.38 फीसदी रिटर्न दिया है, जो 21 फरवरी तक का है. यूएस-आधारित फंड्स, जिनमें नैस्डैक 100, एसएंडपी 500 और एनवाईएसई फेंग शामिल हैं, इसने भी एक साल की अवधि में औसतन 26 फीसदी का रिटर्न दिया है. वैश्विक इक्विटी में निवेश करने वाले फंड्स ने 17.48 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है. अभी लगभग 70 भारतीय योजनाएं हैं, जिनके पास लगभग 65,000 करोड़ रुपये का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) है, जो विदेशी बाजारों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, उभरती तकनीकों, सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे विषयों पर केंद्रित स्कीम में पैसे लगाती हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 26, 2025, 10:33 ISThomebusiness7 म्यूचुअल फंड स्कीम के बदले नियम, फंड हाउस ने तय कर दी निवेश की लिमिट
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