इन स्टॉक्स में लिक्विडिटी कम होती है, जिससे आपके ऑर्डर तुरंत पूरे नहीं हो सकते और साथ ही जरूरत के समय पूंजी की तत्काल उपलब्धता में समस्या आ सकती है।By Arvind Dubey Publish Date: Sat, 22 Feb 2025 01:07:16 PM (IST)Updated Date: Sat, 22 Feb 2025 01:07:16 PM (IST)अनुज माहेश्वरी। लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) के शेयर आजकल निवेशकों के लिए एक उभरता हुआ और आकर्षक विकल्प बनते जा रहे हैं। ये कंपनियां तेजी से विकसित हो रही हैं, जिससे निवेशकों को उच्च रिटर्न मिलने की संभावना रहती है, लेकिन इनके साथ जोखिम भी काफी अधिक होता है।एसएमई बाजार पर केवल वे कंपनियां ही लिस्ट होती हैं, जिनके पास पिछले दो वर्षों से स्थिर नेट वर्थ और कैश फ्लो हो। साथ ही, जो कंपनियां कभी बंद होने या पुनर्गठन के लिए आवेदन कर चुकी हैं, उन्हें यहां लिस्टिंग की अनुमति नहीं दी जाती। इन शर्तों से निवेशक अनावश्यक जोखिमों से बच सकते हैं।एसएमई एक्सचेंज में कैसे होती है खरीद-बिक्री एसएमई एक्सचेंज पर व्यापार सामान्य खरीद-बिक्री की प्रक्रिया जैसा ही होता है, लेकिन इसमें कुछ खास नियम होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि व्यापार लाट साइज में होता है, यानी एक लाख रुपये से कम का लेन-देन नहीं किया जा सकता। लाट साइज शेयर की कीमत पर निर्भर करती है। एसएमई स्टॉक्स में निवेश के दो प्रमुख तरीके हैं, आईपीओ और प्रत्यक्ष व्यापार। आईपीओ में निवेश से लिस्टिंग के समय अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है, जबकि प्रत्यक्ष व्यापार में आपको लाट में लेन-देन करना होता है। एसएमई स्टॉक्स में निवेश करने से पहले सही रिसर्च और अपनी जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करना अत्यंत आवश्यक है।इसके बाद ही इन स्टाक में निवेश करने का निर्णय लें। यहां आप तेजी से पूंजी बढ़ा और लाभ कमा सकते हैं उसी तेजी से पूंजी खोने और घाटा होने का खतरा भी बना रहता है। (अनुज माहेश्वरी पेशे से इंदौर में चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं।)
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एसएमई बाजार: उच्च जोखिम, उच्च रिटर्न का विकल्प, समझिए एसएमई एक्सचेंज को बारे में

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