Gajendra Shekhawat Slam Akhilesh Yadav: प्रयागराज महाकुंभ में हुई घटनाओं के बाद अब संगम जल की गुणवत्ता को लेकर बड़ा सियासी हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. अखिलेश यादव ने महाकुंभ को महाघपला बताते हुए यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. महाकुंभ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीते 10 सालों में कोई भी ऐसा आयोजन हुआ है जिस पर भारत को गर्व हो… विपक्ष ने उसपर भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की है.
एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “पिछले 10 सालों में कोई भी ऐसा आयोजन हुआ है जिस पर भारत को गर्व हो… विपक्ष ने उस पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की है. आज कुंभ में 60 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई है… कुंभ दुनियाभर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है, ऐसे समय में वे पानी की गुणवत्ता को लेकर गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी कर रहे हैं. नहाने के पानी, नदी के पानी, पीने के पानी और पीने योग्य पानी के लिए दुनिया के अपने अलग-अलग मानक हैं और मुझे लगता है कि अखिलेश यादव उन्हें नहीं समझते हैं.”
क्या बोले थे अखिलेश यादव?
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश यादव ने संगम के जल पर पेश रिपोर्ट को लेकर कहा, “केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को जब बताया तब ये समाचार प्रकाश में आया कि प्रयागराज में गंगा जी का जल मल संक्रमित है. लखनऊ में सदन के पटल पर इस रिपोर्ट को झूठ साबित करते हुए कहा गया कि सब कुछ नियंत्रण में है. दरअसल लखनऊवालों का मतलब था प्रदूषित पानी के समाचार को फैलने से रोकने के लिए मीडिया पर नियंत्रण है. जनता पूछ रही है कि न्यायालय की अवमानना की तरह किसी पर ‘सरकारी बोर्ड या प्राधिकरण की अवमानना’ का मुकदमा हो सकता है क्या? यूपीवाले पूछ रहे हैं: दिल्ली-लखनऊ के बीच ये चल क्या रहा है?”
त्रिवेणी संगम के जल को लेकर आई थी रिपोर्ट
महाकुंभ में त्रिवेणी संगम के जल को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें यह कहा गया था कि महाकुंभ में गंगा जी का जल नहाने के लिए बिल्कुल ठीक है, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सवाल खड़े कर दिए. एनजीटी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट लेटेस्ट रिपोर्ट नहीं है और तो और इस रिपोर्ट में पानी की गुणवत्ता के मापदंडों का भी कोई उल्लेख नहीं किया गया है. इस मामले में अब एनजीटी नई रिपोर्ट पेश करेगा और इसकी अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.
यह भी पढ़ें- 1984 Sikh Riots: सज्जन कुमार को मिलेगी फांसी या उम्रकैद? अब 25 फरवरी को होगा फैसला
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS