Last Updated:February 18, 2025, 20:04 ISTअमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप है. ट्रंप ने उनकी फंडिंग रोक दी, जिससे उनका एनजीओ ब्रसेल्स भागने की कोशिश कर रहा है. हंगरी के पीएम ने इसका खुलासा किया. गांधी परिवार पर भी सोरोस से…और पढ़ेंजॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन पर कई देशों में अशांति फैलाने का आरोप है. (wikimedia commons)हाइलाइट्सजॉर्ज सोरोस पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप.ट्रंप ने यूएसएड की फंडिंग रोक दी.सोरोस के एनजीओ पर यूरोप में नो एंट्री.नई दिल्ली. अगर आपको खबरों की दुनिया से नाता रखते हैं तो आपने जॉर्ज सोरोस का कई बार नाम सुना होगा. अगर नाता नहीं रखते तो हम बताते हैं कि जॉर्ज सोरोस एक अरबपति हैं जिन पर कथित रूप से भारत विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहा है. हंगरी में पैदा हुए जॉर्ज सोरोस अब एक अमेरिकी नागरिक हैं और उनकी नेटवर्थ 6 अरब डॉलर से अधिक है. हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, उनके एनजीओ ओपन सोसायटी फाउंडेशन को अमेरिकी सरकार से पिछले 15 साल में 27 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली और इसका इस्तेमाल यूएस, भारत, यूक्रेन, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, सीरिया और यूके में अशांति फैलाने के लिए किया गया.
सोरोस इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी फंडिंग मुख्य रूप से यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फोर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) से आती थी. इस एजेंसी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘कट्टर वामपंथियों पागलों का दल’ कहा है. ट्रंप के मित्र और टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने भी इस एजेंसी की खुले तौर पर आलोचना की और सरकार से जो फंडिंग अब तक इसे दी जा रही थी उसे तुरंत रोकने का आग्रह किया. ऐसा ही हुआ और यूएसएड को सरकारी फंडिंग रोक दी गई है. 20 जनवरी को ट्रंप ने एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए जिसके बाद सभी यूएस फॉरेन ऐड की फंडिंग रोक दी गई.
सोरोस के संस्थान पर संकटयूएसएड की फंडिंग रुकने का मतलब है कि अब जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसायटी फाउंडेशन को भी पैसा नहीं मिलेगा. इसी पैसे उन पर अलग-अलग देशों में अशांति फैलाने का आरोप लगा है. ऐसा बताया जा रहा है कि अब उनकी फाउंडेशन अमेरिका छोड़कर भागने की फिराक में है.
कहां से आई भागने वाली बात?दरअसल, सोरोस के संस्थान के यूएस छोड़कर भागने की खबर को हवा हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के एक ताजा ट्वीट से मिली है. जिसमें उन्होंने कहा, “चेतावनी! हमारी आशंकाएं सच हो गई हैं. वैश्विक उदारवादी-सोरोस एनजीओ नेटवर्क अब ब्रसेल्स भाग रहा है, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका में उनकी गतिविधियों पर कड़ा प्रहार किया है. अब 63 एनजीओ अलग-अलग मानवाधिकार परियोजनाओं के नाम पर ब्रसेल्स से फंड मांग रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं होगा! हम उन्हें यूरोप में सुरक्षित ठिकाना नहीं बनाने देंगे. USAID फाइलों ने इस वैश्विक नेटवर्क की काली सच्चाई उजागर कर दी है. हम दोबारा इस जाल में नहीं फंसेंगे!”
गांधी परिवार से संबंधकांग्रेस के गांधी परिवार का भी नाम जॉर्ज सोरोस के साथ जोड़ा जाता है. हालांकि, यह आरोप कांग्रेसी के विपक्षी दल और सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की ओर से ही लगाए जाते हैं. 2024 में बीजेपी ने इस कनेक्शन को विस्तार से बताते हुए कहा था कि जवाहर लाल नेहरू के चचेरे भाई बृजलाल नेहरू के पुत्र बृजकुमार नेहरू की शादी फोरी नेहरू से हुई थी जो हंगरी से थीं. चूंकि, बृजकुमार जवाहर लाल नेहरू के भतीजे थे तो उनकी पत्नी राहुल गांधी की रिश्तेदार (आंटी) हुईं. फोरी पर आरोप है कि उनके जान-पहचान जॉर्ज सोरोस से काफी अच्छी थी. बकौल बीजेपी, संभव है कि दोस्ती निभाने के लिए गांधी परिवार ने भारत के कई रणनीतिक हितों की बलि चढ़ाई होगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 18, 2025, 20:04 ISThomebusinessट्रंप के डंडे से डरकर भागा भारत का ‘दुश्मन’, गांधी परिवार से दोस्ती के आरोप
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