Last Updated:February 17, 2025, 13:47 ISTStock market prediction : भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल से निवेशकों में चिंता है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के शंकरन नरेन के बाद अब पारस ग्रुप के प्रवेश जैन ने निवेशकों के लिए चेतावनी जारी की है.हाइलाइट्सनिवेशकों को मिड और स्मॉल कैप शेयरों से दूर रहने की सलाह दी गई.पारस ग्रुप के प्रवेश जैन ने बाजार की स्थिरता पर चिंता जताई.भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में बदलाव से बाजार में अस्थिरता.Stock market prediction : भारतीय शेयर बाजार में हालिया उथल-पुथल ने निवेशकों के मन में चिंता की लहर दौड़ा दी है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी (ICICI Pru AMC) के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर शंकरन नरेन (S Naren) पहले ही मिड और स्मॉल कैप शेयरों को लेकर चेतावनी दे चुके हैं. वह कह चुके हैं कि मिड और स्मॉल कैप शेयरों से दूरी बनाना ही सबसे अच्छी रणनीति है, क्योंकि इनका वैल्यूएशन काफी ज्यादा है. हाई वैल्यूएशन पर विदेशी निवेशकों की रूचि खरीदने में नहीं होती. वे लगातार माल बेचकर जा रहे हैं. इसी बीच, पारस ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन प्रवेश जैन ने भी निवेशकों को एक बड़ी चेतावनी दी है. यदि आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं या आपका लगा है तो आपके लिए यह जानना अति जरूरी हो जाता है.
प्रवेश जैन के अनुसार, वर्तमान बाजार की स्थिति चिंताजनक है और आने वाले सत्रों में भी यह रुझान जारी रह सकता है. उनका मानना है कि छोटे निवेशकों को फिलहाल बाजार से दूर रहना चाहिए, क्योंकि स्थिरता के संकेत अभी स्पष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, “बाजार में स्थिरता के लिए कोई ठोस कारण नजर नहीं आ रहा है.”
बता दें कि अक्टूबर 2024 से लेकर अब तक हर महीने विदेशी निवेशकों ने पैसा निकालने का ही काम किया है. यही वजह है कि शेयर बाजार में लगातार गिरावट आ रही है. अक्टूबर 2024 में लगभग सवा लाख करोड़ रुपये का माल बेचा गया, जबकि नवंबर 24 में 45 हजार करोड़ से थोड़ा अधिक की सेलिंग की गई. दिसंबर में लगभग 17 हजार करोड़ तो जनवरी में लगभग 90 हजार करोड़ रुपये की नेट सेलिंग की गई. इन चार महीनों में ही 2 लाख 60 हजार से अधिक की सेलिंग FIIs द्वारा की जा चुकी है.
एक कारण भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्तेइस अस्थिरता के पीछे एक प्रमुख कारण भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में संभावित बदलाव है. अमेरिका, भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर (लगभग ₹37.5 लाख करोड़) तक बढ़ाने की इच्छा रखता है. हालांकि, यह लक्ष्य प्राप्त करना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती है. वर्तमान में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 191 अरब डॉलर (लगभग ₹14.3 लाख करोड़) है, जो 2014 के बाद से दोगुना हो चुका है.
अमेरिका के साथ व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए भारत को आयात शुल्क में कटौती करनी पड़ सकती है. यहां तक कि कुछ चीजों के शुल्क तो घटा ही दिए गए हैं. इससे घरेलू उद्योगों पर दबाव बढ़ेगा और व्यापार घाटा बढ़ने की संभावना है. प्रवेश जैन ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत नहीं है कि इतने बड़े व्यापार को संभाल सके, विशेषकर जब अमेरिका बिलकुल भी व्यापार घाटा नहीं चाहता.”
शेयर बाजार से बेहतर जानकार कोई नहीं!शेयर बाजार इन सभी इकॉनमिक इंडिकेटर्स को बारीकी से समझता है और किसी भी प्रकार के प्रचार या अफवाहों से प्रभावित नहीं होता. बाजार में निवेशक अपनी मेहनत से कमाया गया पैसा निवेश करते हैं, इसलिए यहां भावनाओं के लिए जगह नहीं है. ऐसे में बैंकों को भी सतर्क रहना चाहिए और अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए.
इसके अतिरिक्त, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को भी बाजार पर कड़ी नजर रखनी चाहिए, ताकि किसी भी अनियमितता या हेरफेर को रोका जा सके. बाजार की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखना निवेशकों के विश्वास के लिए आवश्यक है.
इस पूरी स्थिति में छोटे निवेशकों के लिए सलाह है कि वे जल्दबाजी में निर्णय न लें और बाजार की स्थिरता का इंतजार करें. बाजार में निवेश हमेशा सूझबूझ और समझदारी से करना चाहिए, ताकि अनावश्यक जोखिमों से बचा जा सके.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 17, 2025, 13:47 ISThomebusinessएस नरेन के बाद एक और दिग्गज की शेयर मार्केट पर भविष्यवाणी, सुनकर बैठ गया दिल!
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