Last Updated:February 14, 2025, 18:34 IST
P-8i news: हर वक्त हिंद महासागर क्षेत्र में दूसरे देशों के जंगी जहाजों की मौजूदगी होती है. इनकी संख्या 50- 60 से ज्यादा होती है. मर्चेंट वेसेल 20 हजार से भी ज्यादा इंडियन ओशन रीजन से गुजरते है. हर एक पर नजर रखन…और पढ़ें
जितना गहरा समंदर उतनी गहरी है नजर
हाइलाइट्स
- भारतीय नौसेना को 6 नए P-8i विमान मिलेंगे।
- P-8i विमान लंबी दूरी तक निगरानी कर सकते हैं।
- P-8i विमान समुद्र में छुपी सबमरीन का शिकार कर सकते हैं।
DEFENCE UPDATE : भारतीय समुद्री क्षेत्र में चीनी जंगी जहाज की आवाजाही साल 2008 के बाद से बढ़ी है. कभी सर्वे के नाम पर तो कभी एंटी पाइरेसी ऑपरेशन के नाम पर. चीनी वॉरशिप और सबमरीन के हर मूवमेंट पर भारतीय नौसेना की नजर है. अब यह नजरे और पैनी हो जाएंगी. भारतीय नौसेना को लंबी दूरी तक निगरानी करने वाले 6 P8iविमान मिलने का रास्ता साफ हो गया है. भारत और अमेरिका के साझा बयान में इस करार पर एक बड़ी अपडेट दी गई है. बयान में कहा गया है कि ‘भारत की समुद्री निगरानी क्षमता को बढ़ाने के लिए 6 अतिरिक्त P-8i लॉंग रेंज मेरिटाइम रेकॉनेन्स विमान की खरीद का काम जल्द ही पूरा होगा. जिसके लिए बिक्री की शर्तों पर सहमति हो चुकी है. इस फैसले से भारतीय नोसेना की ताकत समंदर में और बढ़ जाएगी.
P-8i का भारतीय सफर
भारत सरकार ने दो अमेरिका से अब तक कुल 12 P-8i विमानों की खरीद की है. पहले चरण में साल 2009 में 8 और दूसरे चरण में साल 2016 में 4 P-8i विमान लिए गए. हांलाकि नोसेना ने 10 अतिरिक्त P8i विमानों की जरूत जाहिर की थी. 10 तो नहीं 6 की मंजूरी जरूर मिली. नवंबर 2019 में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 6 अतिरिक्त विमान खरीद की मंजूरी दी. अमेरिका से होने वाली हर खरीद को स्टेट डिपार्टमेंट से मंजूरी मिलनी होती है. मई 2021 में 6 P-8i विमान और उससे संबंधित उपकरणों की संभावित बिक्री को मंजूरी दे दी गई थी. पी-8आई विमान की खासियत यह है कि 41000 फिट की उंचाई से उड़ान भर सकता है. संमदर की गहराई में छुपे सबमरीन को ढूंढ सकता है और उनका शिकार भी कर सकता है. भारतीय नौसेना के लिए लंबी दूरी की निगरानी के लिए इस वक्त इससे बेहतर कुछ नहीं हैं. एक बार में यह 8300 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. इसमें 11 हार्ड प्वाइंट लगे है 5 इंटर्नल और 6 बाहर विंग पर.एंटी शिप मिसाइल हारपून, क्रूज मिसाइल, लाइट वेट टॉरपीडो, एंटी सबमरीन वॉरफेयर चार्ज और माइन लांच कर सकता है. विमान पावरफुल मल्टी मिशन सर्फेस सर्च रडार से लेस है.
अमेरिका से लिए जा रहे MQ-9B आर्मड ड्रोन
भारत और अमेरिका के बीच 31 MQ9B का करार हो चुका है. सूत्रों की माने तो 2029 तक पहला ड्रोन साल 2029 तक मिल सकता है. अमेरिका से भारतीय नौसेना फिलहाल 2 MQ-9B को लीज पर लेकर इस्तेमाल कर रही है.भारत अमेरिका से MQ-9 ड्रोन के एडवांसड वर्जन की खरीद रहा है. 3.99 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत पर 31 MQ-9 रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) और संबंधित उपकरणों की खरीद का करार किया गया है. 15 ड्रोन भारतीय नौसेना को, 8 थल सेना और 8 वायुसेना को मिलेंगे. सबसे ज्यादा नौसेना को इसलिए क्योंकि उनकी निगरानी का इलाका तीनों सेना में सबसे ज्यादा है.
February 14, 2025, 18:32 IST
चीनी सबमरीन पर होगा पिन प्वाइंट अटैक, हर वक्त मंडराएगी आसमान से मौत
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