Last Updated:February 14, 2025, 10:24 ISTNissan-Honda Merger- पिछले साल होंडा और निशान ने मर्जर के लिए बातचीत शुरू की थी, जो अब टूट चुकी है. होंडा और निसान ने बयान जारी कर कहा कि वे इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रिफाइड व्हीकल सेक्टर में रणनीतिक साझेदारी जारी र…और पढ़ेंपिछले कुछ वर्षों में दोनों कंपनियों के मुनाफे में 70% तक की गिरावट आई है.हाइलाइट्सहोंडा और निशान का मर्जर रद्द हुआ.इलेक्ट्रिक गाड़ियों में साझेदारी जारी रहेगी.निसान 9,000 नौकरियां खत्म करेगी.नई दिल्ली. जापानी ऑटोमोबाइल कंपनियां निसान और होंडा के बीच होने वाली मर्जर डील अब रद्द हो गई है. दोनों कंपनियों ने इस समझौते को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है. पिछले साल 23 दिसंबर को दोनों कंपनियों ने मर्जर के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) साइन किया था. हालांकि दोनों कंपनियां इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर अपनी साझेदारी को जारी रखेंगी. अगर दोनों कंपनियों के बीच विलय हो जाता तो 60 बिलियन डॉलर (करीब 5.21 लाख करोड़ रुपये) वैल्यू वाला ग्रुप बनता जोकि टोयोटा, फॉक्सवैगन (Volkswagen) और हुंडई (Hyundai) के बाद दुनिया का चौथी सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल ग्रुप होता.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डील से पीछे हटने का फैसला निसान ने लिया क्योंकि होंडा चाहती थी कि निसान उसकी सहायक कंपनी बन जाए. इसी कारण दोनों कंपनियों के बीच मतभेद बढ़ गए और आगे की बातचीत रुक गई. इस डील में मित्सुबिशी मोटर्स भी एक संभावित पार्टनर थी जिसने विलय पर विचार करने की बात कही थी.
मर्जर की जरूरत क्यों पड़ी?चाइनीज और अमेरिकी बाजारों में बिक्री और मुनाफे में गिरावट के चलते, होंडा और निशान को अपने वर्कफोर्स और प्रोडक्शन कैपेसिटी में कटौती करनी पड़ रही थी. पिछले कुछ वर्षों में दोनों कंपनियों के मुनाफे में 70% तक की गिरावट आई है. प्रमुख बाजारों में हिस्सेदारी घटने के कारण कंपनियों के विलय की जरूरत महसूस की गई.
इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट से बढ़ती चुनौतीहोंडा और निसान ने बयान जारी कर कहा कि वे इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रिफाइड व्हीकल सेक्टर में रणनीतिक साझेदारी जारी रखेंगे. कंपनियों ने चीन के बाजार में BYD जैसी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों की तेज़ ग्रोथ और अमेरिकी टैरिफ के बढ़ते जोखिम को लेकर चिंता जताई है.
निसान की बड़ी छंटनी, 9,000 नौकरियां जाएंगीडील रद्द होने के बाद, निसान अब अपने नवंबर में घोषित रिस्ट्रक्चरिंग प्लान पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसके तहत कंपनी 9,000 नौकरियां खत्म करेगी और वैश्विक स्तर पर 20% प्रोडक्शन कैपेसिटी घटाएगी. जानकारों का कहना है कि निसान को चीन में भी अपनी कैपेसिटी घटानी होगी. कंपनी वहां डोंगफेंग मोटर के साथ साझेदारी में आठ कारखानों का संचालन कर रही है. इसके तहत निसान पहले ही चांगझौ प्लांट में उत्पादन बंद कर चुकी है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 14, 2025, 10:24 ISThomebusinessहोंडा और निशान का नहीं होगा ‘मिलन’, मर्जर डील नहीं चढी सिरे
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