फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए एआई एक्शन समिट और भारत की पूरी दुनिया में खूब चर्चा हो रही है. भारत इस कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता कर रहा है. इससे पता चलता है कि ग्लोबल लेवल पर और एआई क्षेत्र में भारत की कितनी अहमियत है. भारत को मिल रही इस अहमियत से पाकिस्तान में खलबली मच गई है. पाकिस्तानी एक्सपर्ट भी मान रहे हैं कि भारत की जो वेल्यू इस समय है पाकिस्तान को वहां तक पहुंचने में बहुत समय लगेगा. पाकिस्तान ही नहीं कनाडा भी एआई क्षेत्र में भारत के आस-पास नहीं है. सम्मेलन में भी कनाडियन पीएम जस्टिन ट्रूडो एक तरफ खड़े नजर आए.
सम्मेलन की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी सेंटर में फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ खड़े थे, जबकि जस्टिन ट्रूडो एक साइड में खड़े थे. समिट में अमेरिका, चीन, कनाडा समेत 90 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि इंडिया की ये वेल्यू और वर्थ है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फ्रेंच राष्ट्रपति से बहुत दूर खड़े हैं, जबकि पीएम मोदी इमैनुअल मैक्रों के साथ खड़े हैं क्योंकि फ्रांस को पता है कि भारत की कनाडा से ज्यादा वेल्यू है. उन्होंने कहा कि इंडिया और प्रधानमंत्री जिस लेवल पर खेल रहे हैं, पाकिस्तान को वहां तक पहुंचने में बहुत समय लग जाएगा.
कमर चीमा ने कहा कि यूरोपीयन यूनियन ने एआई क्षेत्र में 200 बिलियन यूरो इनवेस्ट करने का ऐलान किया है, जिसमें भारत उनका पार्टनर होगा. अगली एआई समिट भी इंडिया के अंदर होगी. उन्होंने कहा कि ये सब चीजें भारत की मजबूत स्थिति को दिखाती हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने एआई समिट में कहा कि एआई आने वाले समय में जरूरत बन जाएगा. उन्होंने कहा कि एआई के लिए संचालन व्यवस्था और मानकों को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की जरूरत है जो हमारे साझा मूल्यों को बनाए रखें, खतरों को दूर करें और भरोसे का निर्माण करें.
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