विदेशों जैसे होंगे इंडिया के रेलवे ट्रैक, सेमी बुलेट ट्रेन की स्‍पीड से चलेंगी

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Last Updated:February 11, 2025, 11:06 ISTIndian Railways News- भारतीय रेलवे ट्रैकों को विदेशों जैसा बना रहा है. इसके ट्रेन जब एक ट्रैक से दूसरे पर जाएगी तो आपको जरा भी झटका नहीं लगेगा. साथ ही ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ेगी. जानें क्‍या है नई तकनीक. झांसी डिवीजन में काम हो चुका है शुरू.नई दिल्‍ली. इंडिया के रेलवे ट्रैक विदेशों जैसे होंगे. सेमी बुलेट ट्रेन की स्‍पीड से ट्रेनें दौड़ेंगी. भारतीय रेलवे नई तकनीक का इस्‍तेमाल करने जा रह है. इससे ट्रेन के एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर जाते समय आपको झटकों का अहसास नहीं होगा. जैसे सामान्‍य ट्रैक पर ट्रेन चलती हैं उसी तरह ट्रैक बदलते समय ट्रेन की स्‍पीड रहेगी. तकनीक के पूरे रूट पर इस्‍तेमाल के बाद ट्रेनों की अधिकतम स्‍पीड 160 किमी. तक हो जाएगी.

ट्रैकों पर नई तकनीक के इस्‍तेमाल से ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ेगी और गंतव्‍य तक जल्‍द ही पहुंच सकेंगी. भारतीय रेलवे के झांसी डिवीजन समेत कई जगह इसकी शुरुआत हो चुकी है. जल्‍द ही अन्‍य जगह भी इस तकनीक का इस्‍तेमाल होगा.

ये है तकनीक  

 झांसी मंडल में ट्रेनों की गति बढ़ाने के साथ ही सुरक्षा बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. ट्रैक की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए TWS (थिक वेब स्विच) प्‍वाइंट मशीन लगाने का काम काम तेजी से किया जा रहा है. TWS (थिक वैब स्विच) के  लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी. पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं, अभी तक उसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी 2024 तक 184 TWS (थिक वैब स्विच) लगाए जा चुके हैं. दिसम्बर 2024 में 20 TWS लगाए गए थे और जनवरी  2025 में भी 20 TWS लगाए गए हैं.

लूप लाइन पर भी बढ़ेगी ट्रेनों की स्‍पीड 

TWS (थिक वैब स्विच) लगाने का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनों की स्‍पीड 30 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी. इसके साथ ही ट्रेनों के ऑपरेशन के दौरान इस नई तकनीकी के प्रयोग से कंपन भी कम होता है और झटके भी नहीं लगेंगे.

ट्रैक की लाइफ बढ़ेगी 

झांसी डिवीजन के डीआरएम दीपक कुमार सिन्हा के अनुसार TWS (थिक वैब स्विच)  ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ाता है. इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट संबंधित फेलियर न के बराबर रह जाते हैं, साथ ही साथ इस पर मेंटीनेंस व्यय भी पहले की तुलना में कम आता है.

Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 11, 2025, 11:06 ISThomebusinessविदेशों जैसे होंगे इंडिया के रेलवे ट्रैक, सेमी बुलेट ट्रेन की स्‍पीड से चलेंगी

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