Last Updated:February 10, 2025, 18:17 ISTअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाने के फैसले से भारत के 1 अरब डॉलर के निर्यात को खतरा है. एल्युमीनियम निर्यात पर प्रभाव अधिक गंभीर है. प्रधानमंत्री मोदी और ट्रं…और पढ़ेंहाइलाइट्सट्रंप के टैरिफ से भारत के 1 अरब डॉलर निर्यात को खतरा.मोदी-ट्रंप बैठक में टैरिफ रियायतें मुख्य विषय.एल्युमीनियम निर्यात पर प्रभाव अधिक गंभीर.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नई चुनौती लेकर आया है. स्टील और एल्युमीनियम पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने की उनकी योजना भारत के लगभग 1 अरब डॉलर के निर्यात को खतरे में डाल सकती है. यह निर्णय न केवल भारतीय उद्योगों को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को भी चुनौती देगा. आइए, इस मुद्दे की गहराई में जाएं और समझें कि यह फैसला भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है.
ट्रंप की ओर से स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की योजना भारतीय निर्यात के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है. मनीकंट्रोल के एक विश्लेषण के अनुसार, इस फैसले से भारत के लगभग 1 अरब डॉलर के निर्यात को खतरा हो सकता है. हालांकि, भारत का अमेरिका को स्टील निर्यात कुल निर्यात का एक छोटा हिस्सा है, और अमेरिका भारत के कुल निर्यात का केवल 5 फीसदी ही है. लेकिन एल्युमीनियम उद्योग के लिए यह खतरा कहीं अधिक गंभीर है, क्योंकि भारत का लगभग 12 फीसदी एल्युमीनियम निर्यात अमेरिका को जाता है.
आज, 10 फरवरी 2025 को, भारतीय शेयर बाजार में मेटल स्टॉक्स में गिरावट देखी गई. निफ्टी में शामिल JSW स्टील और टाटा स्टील के शेयरों में लगभग 2% की गिरावट आई. चीन का प्रोत्साहन और अमेरिकी टैरिफ की आशंकाओं के चलत भारतीय मेटल स्टॉक्स में काफी दबाव देखा गया, जिससे वे 5 फीसदी तक गिर गए.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह राष्ट्रपति ट्रंप के साथ एक द्विपक्षीय बैठक करने वाले हैं, जिसमें टैरिफ रियायतें एजेंडे पर हो सकती हैं. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत बजट 2025 में की गई रियायतों के अलावा अमेरिका को और शुल्क कटौती की पेशकश कर सकता है. यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त डोनाल्ड ट्रंप को मना लेते हैं तो संभव है कि भारत को 1 बिलियन डॉलर (87,47,44,00,000 रुपये) का नुकसान नहीं होगा.
नवंबर 2024 में, भारत का अमेरिका को एल्युमीनियम निर्यात 777 अरब डॉलर था, जो 2023 के कुल निर्यात 6.7 ट्रिलियन डॉलर का 11.5 फीसदी था. हालांकि, एक राहत की बात यह है कि 2018 में ट्रंप के पहले कार्यकाल में इसी तरह के फैसले का भारत के एल्युमीनियम निर्यात पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा था. पिछले एक दशक से अमेरिका का भारत के कुल निर्यात में हिस्सा 11-15 फीसदी के बीच रहा है.
किन देशों को ज्यादा प्रभावित करेगा ये फैसलाहालांकि, अमेरिका का यह फैसला जापान, यूरोप, कनाडा और मैक्सिको को अधिक प्रभावित करेगा, लेकिन भारत भी इसके दूसरे क्रम के प्रभावों से अछूता नहीं रहेगा. अधिक आपूर्ति के कारण कीमतों में और गिरावट आ सकती है, जिससे भारतीय स्टील मैन्युफैक्चर करने वालों को नुकसान हो सकता है. मूडीज़ रेटिंग्स की एवीपी हुई टिंग सिम के अनुसार, “भारतीय स्टील निर्माताओं को अपने उत्पादों का निर्यात करने में बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. पिछले 12 महीनों में भारत में स्टील आयात में वृद्धि ने पहले ही स्टील निर्माताओं की कीमतों और कमाई को प्रभावित किया है.”
चीन ने किया है भारत से ज्यादा आयातभारत के लोहा और स्टील आयात में 4 फीसदी की गिरावट आई है, लेकिन चीन और इंडोनेशिया के आयात में वृद्धि हुई है. 2024 में चीन के लोहा और स्टील आयात में 20 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि इंडोनेशिया के आयात में 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. वियतनाम का भारत को लोहा और स्टील निर्यात FY25 के पहले छह महीनों में दोगुना हो गया, जिससे वह दो साल पहले 19वें स्थान से आगे बढ़कर भारत का पांचवां सबसे बड़ा स्टील आयातक बन गया. दूसरी ओर, अमेरिका से स्टील आयात में 25 फीसदी की गिरावट आई है. भारत का अमेरिका के साथ लोहा और स्टील के मामले में व्यापार घाटा है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 10, 2025, 18:03 ISThomebusinessPM मोदी ने मना लिया ट्रंप को, तो टल जाएगा बड़ा लॉस, रिस्क पर पूरी इंडस्ट्री
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