हिंदू धर्म से बाहर होंगे राहुल गांधी, महाकुंभ की धर्म संसद में फैसला!

Must Read

अपने बयानों की वजह से सुर्खियां बटोरने और उन्हीं बयानों की वजह से अदालतों के चक्कर लगाने वाले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर अपने एक बयान की वजह से हिंदू धर्म से भी बहिष्कृत होने का खतरा मंडराने लगा है. हाथरस की रेप पीड़िता के संदर्भ में संसद में दिए गए भाषण के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कह दिया है कि अब साधु-संत नाराज हो गए हैं और प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद ने उन्हें एक महीने के अंदर अपनी सफाई देने और ऐसा न करने की स्थिति में हिंदू धर्म से खारिज करने की चेतावनी दी गई है. क्या है पूरा मामला, बताएंगे विस्तार से.पिछले दिनों राहुल गांधी ने हाथरस की गैंगरेप पीड़िता के परिवार का दर्द बयां करते हुए संसद में परिवार का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि रेप पीड़िता का परिवार अपने घर में पुलिस के पहरे में कैद है, जबकि रेप के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा था, ‘कुछ दिन पहले मैं हाथरस गया था. चार साल पहले वहां एक लड़की का गैंगरेप होता है. मैं उस लड़की के घर गया और परिवार से मिला. जिन्होंने गैंगरेप किया वो बाहर घूम रहे हैं और लड़की का परिवार अपने घर में बंद है. लड़की का परिवार बाहर नहीं जा सकता और जो अपराधी हैं वो उनको रोज धमकाते हैं और बाहर घूम रहे हैं. परिवार ने मुझे बताया कि लड़की का अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया और चीफ मिनिस्टर ने इसके बारे में खुलकर मीडिया में झूठ बोला है. ये संविधान में कहां लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वो बाहर रहें और जिसका रेप हुआ है, उसके परिवार को बंद कर दिया जाए. ये आपकी किताब में लिखा हुआ है, मनुस्मृति में लिखा हुआ है, लेकिन संविधान में नहीं लिखा है.’राहुल गांधी के मनुस्मृति वाले बयान पर प्रयागराज के साधु-संत इतने नाराज हो गए कि उन्होंने बाकायदा इसके लिए निंदा प्रस्ताव पास कर दिया. ये निंदा प्रस्ताव पास हुआ महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद में जिसकी अध्यक्षता शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कर रहे थे. ये वही शंकराचार्य हैं, जिन्होंने महाकुंभ में मृतकों के आंकड़े पर सरकार से सवाल पूछे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांग लिया तो उन्हें फर्जी शंकराचार्य तक कह दिया गया और उनपर सपाई और कांग्रेसी होने के आरोप लगे. जब बात मनुस्मृति की आई तो शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राहुल गांधी को भी नहीं बख्शा और उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करके कहा कि या तो राहुल गांधी माफी मांगें या फिर उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर दिया जाएगा.अब सवाल है कि क्या राहुल गांधी माफी मांगेगे या फिर धर्म संसद उन्हें हिंदू धर्म से बाहर कर देगी. जाहिर है कि राहुल गांधी के तेवरों को देखकर तो यही लगता है कि वो माफी नहीं मांगेगे. मानहानि के कितने ही अदालती मुकदमे झेल रहे राहुल गांधी की एक माफी से वो मुकदमे खत्म हो जाते, लेकिन जब सजा के डर से कभी राहुल ने माफी नहीं मांगी तो धर्मसंसद के डर से वो शायद ही माफी मांगें. बाकी रही बात संविधान की, तो धर्मसंसद में हुआ फैसला कोई संविधान का फैसला नहीं है कि राहुल गांधी के हिंदू होने पर इस फैसले की वजह से कोई सवालिया निशान लगे. धर्मसंसद का फैसला महज प्रतिकात्मक फैसला हो सकता है, जिसका राजनीतिक नफा-नुकसान भले ही हो, संवैधानिक तौर पर राहुल गांधी के हिंदू होने पर इसका कोई असर नहीं होगा. 
 
यह भी पढ़ें:-ममता कुलकर्णी ने दिया किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा, बोलीं- ‘साध्वी थी और रहूंगी’

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -