कौन बदल रहा मिडिल ईस्ट की जियोपॉलिटिक्स? अमेरिका और ईरान हुए आउट, फ्रांस-सऊदी अरब की एंट्री, समझें

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Agency:News18Hindi

Last Updated:February 06, 2025, 16:37 IST

सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता खत्म होने और विद्रोही सरकार बनने के बाद जियोपॉलिटिक्स बदल रही है. अमेरिका और ईरान का प्रभाव कम हुआ है, जबकि सऊदी अरब, तुर्की और फ्रांस सक्रिय हो रहे हैं.

सीरिया में अब नए समीकरण बन रहे हैं. (Reuters)

हाइलाइट्स

  • सीरिया में जियोपॉलिटिक्स बदल रही है
  • अमेरिका और ईरान का प्रभाव कम हुआ है
  • सऊदी अरब, तुर्की और फ्रांस सक्रिय हो रहे हैं

वॉशिंगटन: सीरिया में विद्रोहियों की सरकार आने के बाद से अब पूरे मिडिल ईस्ट की जियोपॉलिटिक्स बदल गई है. बशर अल-असद जब सत्ता में थे तब यहां रूस और अमेरिका की सेना मौजूद थी. इसके अलावा सीरिया पर ईरान का कंट्रोल था. लेकिन जब से हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के विद्रोहियों ने सीरिया पर कब्जा जमाया, वैसे ही अब ईरान, अमेरिका और रूस के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है. HTS के नेतृत्व वाले सीरिया का ईरान से संबंध लगभग खराब हो चुका है. अमेरिका ने ऐलान कर दिया है कि वह सीरिया से अपनी सेना को निकालेगा. वहीं रूस अपनी सेना को सीरिया में बनाए रखने के लिए नई सरकार के साथ बातचीत कर रहा है.

सीरिया के पूरे खेल से ईरान, अमेरिका और रूस बाहर हो सकते हैं. वहीं अब इस क्षेत्र में नए प्लेयर के रूप में सऊदी अरब, तुर्की और फ्रांस उभरते दिख रहे हैं. सीरिया अब सुन्नी देशों के प्रभाव में आ चुका है. इसका सीधा सा उदाहरण रविवार को देखने को मिला जब सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल शरा अपनी पहली विदेश यात्रा के मौके पर सऊदी अरब पहुंचे. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से उन्होंने मुलाकात की. साथ ही सऊदी अरब ने सीरिया को एक बार फिर से उसके पैरों पर खड़ा करने के लिए हर मदद का ऐलान किया है. सऊदी अरब ने 50 से ज्यादा डॉक्टरों की एक टीम और मेडिकल हेल्प सीरिया की राजधानी दमिश्क में भेजा है.

तुर्की पहुंचे सीरिया के राष्ट्रपति
सऊदी अरब में उमरा करने के बाद अहमद अल-शरा ने अपनी यात्रा खत्म नहीं की, बल्कि वह यहां से सीधे तुर्की पहुंच गए. यहां उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से मुलाकात की, जो पूरे मिडिल ईस्ट और यूरोप को बड़ा संदेश था. दरअसल पिछले साल दिसंबर में बशर अल-असद के खिलाफ एक बार फिर जब विद्रोहियों ने हमला शुरू किया तो उसके पीछे तुर्की की मदद ही मानी जा रही थी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह यात्रा बेहद जरूरी है.

सीरिया में एक्टिव हुआ फ्रांस
सीरिया में अब फ्रांस की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा को फोन किया. फोनकॉल के दौरान उन्होंने सीरिया के राष्ट्रपति को बधाई दी. मैक्रों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने की आवश्यक्ता जताई. उन्होंने कहा कि यह सीरियाई लोगों के साथ-साथ फ्रांस की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है. इसके अलावा मैक्रों ने अल शरा को फ्रांस आने का भी न्योता दिया. दोनों के बीच यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब सीरिया ने लताकिया बंदरगाह के कंटेनर टर्मिनल को संचालित करने के लिए फ्रांसीसी शिपिंग और लॉजिस्टिक्स समूह, CMA CGM के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर सहमत हो गया है.

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