‘भारतीय इंजीनियरों की एक करोड़ की सैलरी, फ‍िर भी…’, ये क्या बोले अमेरिकी कंपनी के CEO

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Last Updated:February 05, 2025, 13:41 IST

IIT Kharagpur Alumni, Company CEO: अमेरिका की एक टेक कंपनी के सीईओ ने भारतीय इंजीनियरों को लेकर एक बड़ी बात कही है. इस सीईओ ने भारतीय इंजीनियरों के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं.

IIT Kharagpur, Varun Vummidi: अमेरिकी कंपनी के सीईओ ने भारतीय इंजीनियरों को क्‍या कहा?

हाइलाइट्स

  • भारतीय इंजीनियरों पर CEO वरुण वुम्मदी ने सवाल उठाए.
  • एक करोड़ सैलरी के बावजूद कड़ी मेहनत नहीं करते इंजीनियर.
  • वुम्मदी की पोस्ट पर लोगों ने दिए रिएक्‍शन.

IIT Kharagpur Alumni, Company CEO: इस सीईओ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि कई भारतीय इंजीनियर एक करोड़ रुपये के सालाना पैकेज के बावजूद कड़ी मेहनत करने को तैयार नहीं हैं. इस सीईओ के बयान के बाद इसको लेकर बहस छिड़ गई है. आइए आपको बताते हैं ये सीईओ कौन हैं और भारतीय इंजीनियरों के बारे में इनकी क्या राय है?

तो आपको बता दें कि इस सीईओ का नाम वरुण वुम्मदी है. वरुण वुम्मदी अमेरिकी टेक कंपनी Giga ML के सीईओ हैं. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल पर जो जानकारी दी गई है, उसमें बताया गया है कि उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है. इसके बाद वह वाई कॉम्बिनेटर में कार्यरत रहे.

उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर बताया कि उनके पिताजी और मां दोनों सरकारी टीचर हैं और वे अब भी सप्ताह में छह दिन काम करते हैं. वरुण ने लिखा कि तीन से आठ साल के अनुभव वाले इंजीनियरों को छह से आठ घंटे काम के लिए एक करोड़ रुपये का सालाना पैकेज मिलता है, लेकिन उसके बाद भी तमाम भारतीय इंजीनियर कड़ी मेहनत करने को तैयार नहीं हैं. इतना ही नहीं, इंजीनियरों की एक बड़ी संख्या ऐसी है जो सप्ताह में छह दिन काम करने के लिए इच्छुक नहीं है. उन्होंने अरबपति एलन मस्क को टैग करते हुए लिखा है कि कई सफल स्टार्टअप्स ने सप्ताह में छह से सात दिन काम किया. एलन मस्क इसके जीते-जागते उदाहरण हैं कि कड़ी मेहनत करके कहां तक पहुंचा जा सकता है.

लोगों ने लिखा- वो दिन चले गए
अमेरिकी टेक कंपनी Giga ML के को-फाउंडर और सीईओ वरुण वुम्मदी की पोस्ट पर कई लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं. उनकी पोस्ट पर डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति नामक यूजर ने लिखा कि ‘चाहे कोई भी क्षेत्र हो, मेरी राय में उच्च वेतन और 24×7 काम के दिन चले गए. सप्ताह में पांच दिन और प्रतिदिन आठ घंटे काम करना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है और उत्पादकता भी बढ़ती है.’ एक यूजर ने लिखा कि ‘अगर प्रभावशाली इंजीनियर एक करोड़ रुपये के मूल वेतन के बावजूद भी हिचकिचा रहे हैं, तो इस पर विचार किया जाना चाहिए.’

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‘भारतीय इंजीनियरों की एक करोड़ की सैलरी, फ‍िर भी…’, ये क्या बोले CEO

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