Earthquake In Nepal: पश्चिमी नेपाल के दैलेख जिले में मंगलवार को रिक्टर पैमाने पर 4.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. हालांकि किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, 4.4 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र दैलेख जिले का तोलीजैसी रहा, जिससे पड़ोसी जिलों अछाम, कालीकोट और सुर्खेत में भी झटके महसूस किए गए. उन्होंने बताया कि दैलेख में भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम 5:20 बजे आया.
भूकंप आते ही लोग घरों से बाहर निकल गए. सोशल मीडिया पर कई वीडियो में घरों के अंदर पंखे हिलते हुए दिखाई दे रहे हैं. लोगों में दहशत का माहौल देखा जा सकता है. हालांकि राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया है कि अभी हालात सामान्य हैं.
क्यों आते हैं भूकंप
भूकंप आने की असल वजह टेक्टोनिकल प्लेट में तेज हलचल होती है. इसके अलावा उल्का के प्रभाव, ज्वालामुखी में विस्फोट या फिर माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग के कारण भी भूकंप महसूस किया जा सकता है. धरती पर प्रत्येक वर्ष में बड़ी संख्या में भूकंप आते हैं, लेकिन कई मामलों में तीव्रता कम होने की वजह से हम इन्हें महसूस नहीं कर पाते हैं. लेकिन जिनकी तीव्रता ज्यादा होती है वह अपने साथ तबाही का मंजर लेकर आते हैं.
कैसे मापी जाती है तीव्रता
भूकंप की तीव्रता और समय पता करने के लिए सिस्मोग्राफ का उपयोग होता है. इस डिवाइस के माध्यम से पृथ्वी के अंदर होने वाली हलचल का ग्राफ बनाया जाता है. इस सिस्मोग्राफ कहते हैं. इसी के आधार पर रिक्टर पैमाना के माध्यम से भूकंप की तरंगों की तीव्रता, भूकंप का केंद्र और ऊर्जा का पता लगाया जाता है. भूकंप आने पर सिस्मोग्राफ के कुछ हिस्से नहीं हिलते, लेकिन दूसरे हिस्से हिलने लगते हैं. भूकंप की तीव्रता को रिकॉर्ड करने वाला हिस्सा हिलता नहीं है. जिससे भूकंप की सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है. झटके मापने वाली मशीन को सिस्मोमीटर (Seismometer) कहते हैं.
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