Pakistan Imran Khan News: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान की ओर सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को लिखे गए पत्र को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. राणा सनाउल्लाह, जो कि प्रधानमंत्री के सार्वजनिक और राजनीतिक मामलों पर सलाहकार हैं, उन्होंने इस पत्र की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इमरान खान का मकसद सेना और जनता के बीच विभाजन पैदा करना है.
इमरान खान ने जेल से छह सूत्रीय पत्र सेना प्रमुख को भेजा, जिसमें उन्होंने चुनावी धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, और न्यायिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर सवाल उठाए. खान ने पत्र में PTI कार्यकर्ताओं पर आतंकवाद के आरोप और बल प्रयोग की आलोचना की और सेना प्रमुख से नीतियों में बदलाव की मांग की. राणा सनाउल्लाह ने इमरान खान के इस पत्र की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा, “ये पत्र कहाँ से आ रहे हैं? यदि इमरान खान राजनीतिक संघर्ष में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें संसद में ऐसा करना चाहिए.”
न्यायाधीशों की नियुक्तियों पर टिप्पणी
सनाउल्लाह ने न्यायपालिका के मुद्दे पर भी PTI की आलोचना की, खासकर न्यायाधीशों की नियुक्तियों को लेकर. उन्होंने पूछा कि क्या न्यायाधीशों का स्थानांतरण असंवैधानिक था और PTI द्वारा उठाए गए सवालों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि PTI ने न्यायमूर्ति बाबर सत्तार और न्यायमूर्ति तारिक जहांगीरी की नियुक्तियों का विरोध किया था.
न्यायाधीशों के तबादले पर विवाद
हाल ही में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में तीन न्यायाधीशों के तबादले ने भी कानूनी बिरादरी में बहस छेड़ दी है. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश याह्या अफरीदी ने इन तबादलों को संवैधानिक और सकारात्मक कदम बताया, लेकिन इस फैसले की आलोचना भी हुई. सिंध, बलूचिस्तान, और लाहौर से न्यायाधीशों को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया, जिनमें न्यायमूर्ति सरफराज डोगर, न्यायमूर्ति खादिम हुसैन सूमरो, और न्यायमूर्ति मुहम्मद आसिफ शामिल हैं.
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