AI की दौड़ में कूदा भारत, अगले 6 महीने में बना देगा खुद का ‘ChatGPT’! हो गया ऐलान

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Last Updated:January 30, 2025, 12:35 ISTभारत अपना जेनेरेटिव एआई मॉडल बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें 6-8 महीने लग सकते हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा में इसकी घोषणा की. 19,000 GPUs उपलब्ध होंगे. यह मॉडल भारतीय जरूरतों को ध्यान में रखत…और पढ़ेंअश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इस मॉडल को खासतौर पर भारत की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा. हाइलाइट्सभारत 6-8 महीने में अपना जेनेरेटिव एआई मॉडल बनाएगा.19,000 GPUs की मदद से एआई मॉडल तैयार होगा.एआई एप्लिकेशन कृषि, जलवायु और शिक्षा में उपयोग होंगे.नई दिल्ली. अमेरिका और चीन के बाद अब भारत भी खुद का जेनेरेटिव एआई मॉडल बनाने की तैयारी कर रहा है. चैटजीपीटी और डीपसीक की ही तरह भारत भी अपना एआई मॉडल बनाएगा. इसमें 6-8 महीने का समय लग सकता है. इसका ऐलान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा में आयोजित उत्कर्ष कॉन्क्लेव में किया है. उन्होंने बताया कि इंडिया एआई कंप्यूट फैसिलिटी के पास 18,693 जीपीयू हैं जिसकी मदद से एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) तैयार किया जाएगा. यह खास तौर पर भारतीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाएगा.

वैष्णव ने कहा, “हमारा मानना है कि ऐसे 6 बड़े डेवलपर्स हैं जो इस काम को 6-8 महीने में पूरा कर सकते हैं. अगर चीजें बेहतर रहीं तो इसके 4-6 महीने में भी पूरा होने की उम्मीद हैं.” उनका कहना है कि एक कॉमन कंप्यूट फैसिलिटी मजबूत एआई इकोसिस्टम बनाने के लिए बेहद जरूरी है.

19,000 से ज्यादा GPUs होंगे उपलब्धसरकार की योजना के मुताबिक, शुरुआत में 10,000 GPUs का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कॉमन फैसिलिटी ने अब तक 19,000 GPUs हासिल कर लिए हैं. इनमें 12,896 Nvidia H100 GPUs और 1,480 Nvidia H200 GPUs शामिल हैं. ये सभी अत्याधुनिक AI चिप्स हैं, जो दुनिया की सबसे शक्तिशाली कंप्यूटिंग क्षमताओं में से एक हैं. फिलहाल 10,000 GPUs तुरंत उपयोग के लिए तैयार हैं, जबकि बाकी धीरे-धीरे तैनात किए जाएंगे. वैष्णव ने पुष्टि की है कि यह सुविधा जल्द ही सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध होगी.

AI Compute सेवाओं पर 42% तक की छूटसरकार ने AI Compute सेवाओं की कीमतों को बाजार दर से 42% तक कम रखने की व्यवस्था की है, जिससे स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं को इसका अधिकतम लाभ मिल सके. हाई-प्रिसिजन कंप्यूट यूनिट्स, जो AI मॉडल्स के लिए बेहद जरूरी हैं, उन्हें भी 47% छूट के साथ उपलब्ध कराया जाएगा.

भारत का अपना फाउंडेशनल AI मॉडलAI Compute इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ, भारत सरकार अपना खुद का फाउंडेशनल AI मॉडल भी विकसित कर रहा है. इस मॉडल को देश की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाएगा, जिससे डेटासेट्स में मौजूद कमियों को दूर किया जा सके.

कृषि, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा के लिए AI एप्लिकेशनभारत AI का उपयोग समाज से जुड़े बड़े मुद्दों के समाधान के लिए करना चाहता है. वैष्णव ने बताया कि पहले चरण में 18 AI-आधारित एप्लिकेशन को मंजूरी दी गई है. ये एप्लिकेशन मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में काम करेंगे.

कृषि (Agriculture)

जलवायु परिवर्तन (Climate Change)

सीखने में अक्षमता (Learning Disabilities)

AI सुरक्षा के लिए नया संस्थानAI टेक्नोलॉजी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक AI सेफ्टी इंस्टीट्यूशन भी स्थापित करेगी. अन्य देशों के विपरीत, जहां AI रेगुलेटरी बॉडीज़ एक ही संस्थान के तहत काम करती हैं, भारत हब-एंड-स्पोक मॉडल अपनाएगा. इसके तहत कई संस्थान मिलकर सुरक्षा टूल्स और फ्रेमवर्क विकसित करेंगे.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 30, 2025, 12:35 ISThomebusinessAI की दौड़ में कूदा भारत, अगले 6 महीने में बना देगा खुद का ‘ChatGPT’!

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