America-Columbia Relations: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इस दौरान एक जो सबसे सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है वो है अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजना. इस कड़ी में अमेरिका ने अवैध तरीके से रहने वाले कोलंबियाई लोगों को वापस उनके देश भेजने के लिए 2 फ्लाइट से रवाना किया था. हालांकि, कोलंबिया की सरकार ने फ्लाइट्स को उतरने नहीं दिया. यह फैसला कोलंबिया के समाजवादी राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो की तरफ से लिया गया. पेट्रो का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया, जिसके बाद ट्रंप एक्शन के मूड में आ गए और उन्होंने कोलंबिया पर टैरिफ लागू करने का आदेश जारी कर दिया.
इन फ्लाइटों का मकसद अमेरिका में अवैध तरीके से घुसे अपराधियों को उनके देश वापस भेजना था. हालांकि, राष्ट्रपति पेट्रो ने फ्लाइटों को अपने देश में उतरने देने से मना कर दिया, जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना. अमेरिका का मानना है कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है और इससे सुरक्षा मुद्दे गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं.
President Donald J. Trump announces retaliatory measures against Colombia after the country denied illegal alien deportation flights:
-Travel ban.
-Emergency tariffs.
-Financial sanctions.
-Enhanced inspections at the border.
-Visa revocation on government officials. pic.twitter.com/8VDZwzuZDq— America (@america) January 26, 2025
अमेरिका ने लिया बड़ा फैसला
घटना के बाद अमेरिकी प्रशासन ने तत्काल कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. इस दौरान अमेरिकी सरकार ने तुरंत कोलंबिया से आने वाले सभी सामानों पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का फैसला लिया है, जिसे एक सप्ताह के अंदर 50 फीसदी तक बढ़ाने की योजना है. यह कदम कोलंबिया की अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव डाल सकता है. इसके अलावा ट्रंप प्रशासन ने कोलंबियाई सरकार के अधिकारियों, उनके सहयोगियों और समर्थकों पर यात्रा प्रतिबंध और तत्काल वीजा रद्द करने का आदेश दिया है. इसके अलावा, कोलंबियाई सरकार के पार्टी सदस्यों और उनके परिवारों पर भी वीजा प्रतिबंध लागू किए गए हैं.
कोलंबिया के अर्थव्यवस्था पर साधा निशाना
अमेरिकी प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर कोलंबियाई नागरिकों और कार्गो की कस्टम ड्यूटी और बॉर्डर टेस्टिंग में भी बढ़ोतरी का आदेश दिया है. इसका मकसद सीमा पर किसी भी अवैध गतिविधि को रोकना है. अमेरिका ने कोलंबियाई सरकार पर International Emergency Economic Powers Act (IEEPA) के तहत ट्रेजरी और फाइनेंनशियल बैन प्रतिबंध भी लागू कर दिए हैं. इसका मकसद कोलंबिया की फाइनेंशियल सिस्टम को नुकसान पहुंचाना है ताकि उन्हें प्रत्यावर्तन प्रक्रिया में सहयोग के लिए मजबूर किया जा सके.
कोलंबियाई सरकार पर दबाव, क्या हैं अमेरिका का अगला कदम?
अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि ये कदम तो सिर्फ शुरुआत हैं. अगर कोलंबियाई सरकार अपने कानूनी दायित्वों का पालन करने में असफल रहती है तो और भी कड़े उपाय लागू किए जा सकते हैं. अमेरिकी प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि कोलंबिया के साथ व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है.
राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो का विवादित कदम
कोलंबिया सरकार की तरफ से अमेरिकी प्रत्यावर्तन उड़ानों को अस्वीकार करना दोनों देशों के बीच एक गंभीर कूटनीतिक विवाद बन गया है. राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो का यह कदम कोलंबिया की विदेश नीति और अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. अमेरिकी प्रशासन के कड़े कदम कोलंबिया पर दबाव बनाने की कोशिश हैं ताकि वह अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करे. अब देखना यह होगा कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसके क्या नतीजे होते हैं.
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