Last Updated:January 26, 2025, 07:22 ISTIncome Tax vs Budget : बजट 2025 से पहले ग्रांट थॉर्नटन इंडिया ने आम आदमी के बीच एक सर्वे कराया जिसमें खुलासा हुआ कि इनकम टैक्स को लेकर आज भी लोग नए और पुराने टैक्स रिजीम के बीच फंसे हुए हैं.इनकम टैक्स को लेकर बजट में खास ऐलान हो सकता है. नई दिल्ली. सरकार ने भले ही नए टैक्स रिजीम को आकर्षक बना दिया है और अभी तक इसे 72 फीसदी टैक्सपेयर्स ने अपना भी लिया है, फिर भी करदाता नए और पुराने रिजीम के बीच झूल रहे हैं. ग्लोबल कंपनी ग्रांट थॉर्नटन इंडिया ने अपने हालिया सर्वे में खुलासा किया है कि बजट से पहले आखिर मिडिल क्लास को सरकार से क्या उम्मीदें हैं. खासकर इनकम टैक्स को लेकर आम आदमी क्या सोच रहा है, इसे लेकर अपनी रिपोर्ट में पूरा खुलासा किया है.
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत में 57 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाताओं की इच्छा है कि सरकार अगले वित्तवर्ष के बजट में करों में कटौती की घोषणा की जाए. इतना ही नहीं करीब 72 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाताओं के नई आयकर व्यवस्था को चुनने के बावजूद 63 प्रतिशत करदाता पुरानी कर व्यवस्था के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन में बढ़ोतरी के पक्ष में हैं. इसका मतलब है कि इन करदाताओं को अगर पुराने टैक्स रिजीम में छूट का दायरा बढ़ जाए तो उसे चुनने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.
कोई मांग रहा छूट तो किसी को चाहिए कम रेटरिपोर्ट में नई कर व्यवस्था की तरफ आकर्षण बढ़ाने के लिए करीब 46 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने टैक्स की दरें कम करने की वकालत की, जबकि 26 प्रतिशत लोगों का मानना है कि छूट की सीमा बढ़ाई जाए. इस सर्वे में करीब 500 से अधिक लोग शामिल हुए. सर्वेक्षण के परिणामों से पता चलता है कि व्यक्तिगत करदाता अपनी खर्च योग्य कमाई बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर राहत चाहते हैं.
होम लोन को नए रिजीम में शामिल करने की मांगसर्वेक्षण में शामिल 57 प्रतिशत प्रतिभागी कम आयकर दरें चाहते हैं, जबकि 25 प्रतिशत ने एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में उच्च छूट सीमा की वकालत की. रिपोर्ट कहती है कि 53 प्रतिशत उत्तरदाता सरकार से नई कर व्यवस्था के तहत आवासीय संपत्ति पर होने वाले नुकसान की भरपाई की अनुमति देने की वकालत कर रहे हैं. करीब 47 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि पुरानी व्यवस्था के तहत ‘सेट-ऑफ’ सीमा बढ़ाई जाए या दो लाख रुपये की सीमा को पूरी तरह से हटा दिया जाए.
एनपीएस में कटौती की सीमा बढ़ाई जाएग्रांट थॉर्नटन इंडिया के साझेदार अखिल चांदना ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की टैक्स कटौती सीमा में बढ़ोतरी और एनपीएस से निकासी के अधिक लचीले नियम होने पर करदाताओं की सेवानिवृत्ति बचत को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के इस्तेमाल पर अनुलाभ कराधान नियमों पर सरकार से स्पष्टता आने की उम्मीद है. इसके साथ ही ईवी की खरीद पर कानून के तहत कटौती को भी बहाल किया जाना चाहिए.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 26, 2025, 07:22 ISThomebusinessआज भी नए और पुराने टैक्स रिजीम के बीच झूल रहे करदाता! सर्वे में खुलासा
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