ओवरथिंकिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बार-बार एक ही चीज़ पर लोगों का ध्यान चला जाता है. ऐसे नेचर वाले व्यक्ति एक ही चीज पर काफी ज्यादा सोचने लगते हैं जिसके कारण उनका दिमाग हमेशा परेशान रहता हैं. यह चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण हो सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह आपकी जिंदगी में कई सारी दूसरी समस्याएं भी खड़ी कर सकती है.
ओवरथिंकिंग एक तरह का नेगेटिव सोच है जिसपर सही समय पर कंट्रोल नहीं किया गया तो यह काफी ज्यादा गंभीर रूप ले लेती है. आपने खुद में कई बार ऐसा महसूस किया होगा कि आप जब खाली होते हैं तो काफी ज्यादा ओवरथिंकिंग करते हैं. यही आदत धीरे-धीरे एक इंसान को गंभीर बीमारी का शिकार बना लेती है. जिसके कारण आप नेगेटिव सोच के दलदल में फंसने लगते हैं.
यह सबकुछ जानने के बावजूद सबसे जरूरी है इसे कंट्रोल में कैसे किया जाए? तो हम आपको इस तरह की दिक्कते से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं. ओवरथिंकिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बार-बार एक ही चीज़ के बारे में चिंता करना या उस पर ध्यान केंद्रित हो जाता है. यह चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण हो सकता है. यह कई सारी बीमारियों के का कारण भी हो सकता है.
ओवरथिंकिंग का क्या असर होता है?
कोई भी फैसले लेने में मुश्किल होती है
आनंद लेना मुश्किल हो सकता है
आप अपने अंदर एनर्जेटिक महसूस नहीं करते हैं
सिरदर्द, पेट दर्द और तनाव जैसे शारीरिक लक्षण हो सकते हैं
अनिद्रा या नींद के पैटर्न में गड़बड़ी हो सकती है
इससे लोग सामाजिक मेलजोल से दूर हो सकते हैं.
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कुछ अच्छा करने की सोचें
दूसरों की मदद करने से आप अपने विचारों से बाहर आ सकते हैं. उन तरीकों के बारे में सोचें जिनसे आप किसी ऐसे व्यक्ति की सेवा कर सकते हैं जो मुश्किल समय से गुज़र रहा है. क्या आपका दोस्त जो तलाक से गुज़र रहा है. उसे कुछ घंटों के लिए बच्चे की देखभाल की ज़रूरत है? क्या आप अपने बीमार पड़ोसी के लिए किराने का सामान ला सकते हैं? यह महसूस करना कि आपके पास किसी का दिन बेहतर बनाने की शक्ति है. नेगेटिव विचारों को हावी होने से रोक सकता है. यह आपको अपने विचारों की धारा के बजाय किसी और चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने का मौका भी देता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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