क्या रात में बार-बार टूटती है आपकी भी नींद तो न हो परेशान, जानें असली वजह

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Nighttime Awakenings Reasons : दिनभर काम और थकान के बाद रात में शरीर को आराम की जरूरत होती है. बिस्तर पर जाकर सुकून की नींद हर कोई चाहता है. यह सेहतमंद रहने के लिए जरूरी भी है लेकिन कुछ लोगों को रात में बार-बार उठने की आदत होती है. स्लीप एक्सपर्ट्स इसे वेकफुलनेस आफ्टर स्लीप ऑनसेट (WASO) कहते हैं. ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में डबल-बोर्ड सर्टिफाइड पेडेट्रिशियन न्यूरोलॉजिस्ट और नींद के डॉक्टर डॉ. सुजय कंसागरा का कहना है कि रात में बार-बार जागना चिंताजनक हो सकता है. ऐसे में हर किसी को सावधान रहना चाहिए. आइए जानते हैं रात में जागने के क्या-क्या कारण होते हैं…   

रात में जागना कब माना जाता है समस्या

क्वालिटी नींद हर किसी के लिए बेहद जरूरी होता है. डॉ कंसाग्रा कहते हैं हम सोते समय नींद के चक्र (sleep cycles) से गुजरते हैं. एक वयस्क का नींद चक्र आमतौर पर 90 मिनट तक रहता है. अगर रात में कई बार नींद खुलने के बाद फिर से सो जा रहे हैं तो सुबह अच्छा फील महसूस करते हैं. तब इसमें कोई समस्या नहीं है. रात में बार-बार आंखों का खुल जाना यानी नींद से जागरना आम है. यह कितनी बार होता है, आमतौर पर याद नहीं रहता है. यह समस्या तब बन जाता है, जब जागने के बाद दोबारा से नींद नहीं आती है. सोने के लिए परेशान होना पड़ता है. 

क्या रात में बार-बार जागना खतरनाक

डॉ. कंसाग्रा बताते हैं कि अगर स्लीप पैटर्न (Sleep pattern) अचानक बदल गया है और आप पहले की तुलना में बहुत अधिक जाग रहे हैं, तो यह स्लीप एपनिया (sleep apnea) जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है. रात में अगर ज्यादा जागते हैं तो निराशा, स्ट्रेस हो सकती है. इससे नींद की क्वालिटी बिगड़ती है और दिन में काम प्रभावित हो सकता है.

रात में जागने के क्या कारण हैं

1. ख़राब नींद का माहौल

2. फिजिकल जरूरत

चाहे वह बाथरूम जाना हो, नींद के पैटर्न में बदलाव या फिर करवट ले रहे हैं, रात में जागना अक्सर एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया होती है. हालांकि, अगर रात के समय जागने के बाद फिर से सोने में परेशानी आ रही है तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए.

3. रात के देर से खाना, फोन चलाना

देर से खाना या देर तक फोन चलाने जैसी एक्टिविटीज आपके नींद को प्रभावित करती हैं. इसकी वजह से भी रात में कई बार उठना पड़ता है. इससे नींद तो प्रभावित होती ही है, नींद सही तरह लगती भी नहीं है. इसलिए सोने वाली जगह को बिल्कुल क्लीन रखें. फोन या गैजेट्स को खुद से दूर रखें, ताकि सोने में किसी तरह की रुकावटें न आएं.

4. स्लीपिंग डिसऑर्डर

कभी-कभी रात में जागना स्लीपिंग डिसऑर्डर से जुड़ा भी हो सकता है. जैसे- अनिद्रा या स्लीप एपनिया. अगर रात में आपके बार-बार जागने की संख्या अचानक से बढ़ गई है और आप आसानी से नहीं सो पा रहे हैं तो डॉक्टर्स की मदद जरूर लेनी चाहिए.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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