अंतिम घड़ी में भारत पर मेहरबान बाइडन, दे दिए 2 तोहफा, परमाणु बैन पर बड़ा अपडेट

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Last Updated:January 16, 2025, 07:45 IST

अमेरिका में बाइडन प्रशासन अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में है. कार्यकाल खत्म होने से पहले अमेरिका ने भारत को एक नहीं दो दो महत्वपूर्ण तोहफे देकर जा रही है. अमेरिका ने भारत की तीन बड़ी संस्थाओं पर परमाणु प्रतिबंध की लिस्ट से हटाने के…और पढ़ें

जाते-जाते भारत को क्या तोहफे दे गए जो बाइडन.

हाइलाइट्स

  • अमेरिका ने 3 भारतीय परमाणु संस्थाओं से प्रतिबंध हटाया.
  • यूएस ने भारत को उन्नत AI चिप्स तक अप्रतिबंधित पहुंच दिया.
  • चीन की 11 संस्थाओं पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध.

नई दिल्ली. जो बाइडन का कार्यकाल खत्म होने वाला है. इससे पहले उनकी सरकार ने मंगलवार को भारत को दो बड़े तोहफे दे गई. अमेरिका ने भारत के महत्वपूर्ण संस्थाओं को परमाणु नियंत्रण कानून से बाहर कर दिया है. साथ ही अमेरिका सरकार ने भारत को एआई चिप्स तक अप्रतिबंधित पहुंच की अनुमति दी है. इससे पहले बाइडन प्रशासन ने अमेरिका में परमाणु असैन्य परमाणु सहयोग को रोकने वाली नियमों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है. खबर आ रही है कि चीन और अन्य विरोधियों की सबसे उन्नत सेमीकंडक्टर तक पहुंच को रोकने के लिए नए नियम लेकर आई थी.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एंटिटी लिस्ट को हटाने की बात कही थी. एक हफ्ते के बाद ही खबर आ रही है कि अमेरिका भारत के कई महत्वपूर्ण परमाणु संस्थाओं को नियमों और प्रतिबंध की सूची हटा दिया है. अमेरिकी उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) ने 3 भारतीय परमाणु संस्था भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केन्द्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (आईआरईएल) को अपनी ‘एंटिटी लिस्ट’ से हटा दिया है. वहीं, अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदार भारत को उन 18 देशों की सूची से बाहर रखा है, जिन्हें उन्नत एआई चिप्स तक अप्रतिबंधित पहुंच की अनुमति है.

एंटिटी लिस्ट में कौन?
बताते चलें कि अमेरिका ‘एंटिटी लिस्ट’ का उपयोग उन संगठनों के साथ व्यापार को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी नीति के लिए जोखिमपूर्ण माना जाता है. अमेरिका इस लिस्ट का उन वस्तुओं के प्रयोग या व्यापार को रोकने के लिए करता है, जिसका प्रयोग आतंकवाद, सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) या अन्य प्रतिबंधित गतिविधियों में लगाया जाता है.अमेरिका अपनी विदेश नीति या राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के विरुद्ध मानता है. वहीं, अमेरिका ने चीन के 11 संस्थाओं को इसी लिस्ट में जोड़ा है.

पीएम मोदी दौरे पर तय हो गया था
सुलिवन ने दिल्ली आईआईटी में बात करते हुए बताया कि पीएम मोदी के अमेरिका के पिछले दौरे मैंने एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी. उसी दौरान प्रतिबंध हटाने के संकेत दे दिए थे. सुलिवन ने बताया, ‘हालांकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लगभग 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का एक दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम इसे अभी तक पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं… बिडेन प्रशासन ने यह तय किया है कि इस साझेदारी को मजबूत करने के लिए अगला बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है.

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