Last Updated:January 15, 2025, 15:52 ISTसरकार 2025-26 के बजट में रेलवे के लिए 15-18 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है, जिसका लक्ष्य वंदे भारत और हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स को गति देना है. नए वैगन मैन्युफैक्चरिंग, हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक और आधुनिक सुविधाओं से रेलवे का कायाकल्प होगा.सरकार 2025-26 के बजट में रेलवे के लिए 15-18 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है.नई दिल्ली. भारतीय रेलवे का पहला 60 किलोमीटर लंबा टेस्टिंग ट्रैक राजस्थान में बन रहा है, जिसमें 820 करोड़ रुपये का निवेश होना है. यह ट्रैक दिसंबर 2025 तक तैयार हो जाएगा. इस पर हाई-स्पीड बुलेट ट्रेनों की 230 किमी/घंटा तक की गति का परीक्षण किया जाएगा. कोई शक नहीं कि यह भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे के लिए मील का पत्थर साबित होगा. अब जबकि यह ट्रैक बन जाएगा तो इस पर तेज चल सकने वाली ट्रेनों की टेस्टिंग भी होगी. कुल मिलाकर सरकार का पूरा फोकस भारतीय रेल की सूरत और सीरत बदलने पर है. इसी के मद्देनजर, वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में रेलवे को और ताकत दी जा सकती है. वंदे भारत और हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स को नई रफ्तार देने के लिए सरकार रेलवे के बजट में 15-18 फीसदी की बढ़ोतरी करने की तैयारी में है. यह न केवल रेल परिवहन को तेज और आरामदायक बनाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार पैदा में भी बड़ा योगदान देगा.
मनीकंट्रोल की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, 2025-26 के केंद्रीय बजट में रेलवे मंत्रालय को लगभग 2.9 लाख करोड़ रुपये से 3 लाख करोड़ रुपये तक का आवंटन मिलने की संभावना है. यह कदम वंदे भारत ट्रेन सेट्स की डिलीवरी बढ़ाने और हाई-स्पीड रेल परीक्षण में तेजी लाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है. इस साल 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में भारतीय रेलवे को गति देने वाली कई घोषणाएं शामिल हो सकती हैं.
2024 में भारतीय रेलवे ने 62 वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया. दिसंबर 2024 तक, कुल 136 वंदे भारत ट्रेन सेवा में हैं. रेलवे का लक्ष्य है कि 2025 में 90 नई वंदे भारत ट्रेनों की डिलीवरी ली जाए और इन्हें नए रूट्स पर लॉन्च किया जाए. इसके अलावा, रेलवे को अगले साल लगभग 60,000 लिंक हॉफमैन बुश (LHB) कोच व्हील्स और 30,000 वैगन्स की डिलीवरी मिलने की भी उम्मीद है.
मेगा ऑर्डर: वैगन मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा निवेशरिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 2025-26 के बजट में 20,000 करोड़ रुपये से 25,000 करोड़ रुपये के वैगन ऑर्डर की घोषणा कर सकती है, जिसका लक्ष्य 2028-29 तक पूरा करना है. यह कदम रेलवे के मालभाड़ा बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है, जो फिलहाल 27% है. सड़क परिवहन में 60% हिस्सेदारी होने के कारण रेलवे को अपनी पकड़ मजबूत करने की जरूरत है.
2021 में, सरकार ने 23,500 करोड़ रुपये के वैगन बनाने के लिए पांच कंपनियों को अनुबंध दिए थे, जिनमें टीटागढ़ वैगन्स, टेक्समैको रेल, और ओरिएंटल फाउंड्री शामिल थीं. ये कंपनियां 60,000 वैगन 2025-26 तक डिलीवर करेंगी.
रेलवे मंत्रालय ने 2024-25 में आवंटित पूंजीगत खर्च का 76% हिस्सा पहले 9 महीनों में ही खर्च कर दिया है. कुल 2.65 लाख करोड़ रुपये के बजट में से 2.02 लाख करोड़ रुपये का उपयोग किया गया. इसके तहत 81,713 करोड़ रुपये क्षमता बढ़ाने, जैसे नई रेल लाइनों, दोहरीकरण और विस्तार कार्यों पर खर्च किए गए. सुरक्षा संबंधी कार्यों जैसे लेवल क्रॉसिंग, ब्रिज और सिग्नलिंग पर 34,414 करोड़ रुपये के आवंटन का 82% हिस्सा पहले ही उपयोग किया जा चुका है.
वंदे भारत ट्रेनें: नए युग की शुरुआतवंदे भारत ट्रेनें आधुनिक और स्व-प्रेरित (self-propelled) तकनीक पर आधारित हैं, जिन्हें इंजन की जरूरत नहीं होती. ये ट्रेनें 160 किमी/घंटा की रफ्तार महज 140 सेकंड में पकड़ लेती हैं. इन ट्रेनों में एंटी-बैक्टीरियल एयर-कंडीशनिंग सिस्टम और बेहतर सीटिंग जैसी सुविधाएं हैं. अब तक रेलवे 402 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए अनुबंध दे चुका है, जिनकी डिलीवरी मार्च 2027 तक पूरी होनी है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 15, 2025, 15:52 ISThomebusinessराजस्थान में बन रहा रेलवे का लोहालाट ट्रैक, 230 की स्पीड पर दनदनाएंगी ट्रेनें
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