नई दिल्ली. ड्राइवर के पैसेंजर के पास न पहुंचने के कारण उबर इंडिया को अब उसे 54000 रुपये चुकाने होंगे. यह मामला नई दिल्ली से सामने आया है जहां एक डॉक्टर ने उबर इंडिया के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था. कोर्ट ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उबर इंडिया को 54000 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया. कोर्ट ने पाया है कि उबर इंडिया अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही है जिसकी वजह से पीड़ित डॉक्टर को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी.
डॉक्टर द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, मामला कुछ ऐसा है कि दक्षिण दिल्ली में रहने वाले एक डॉक्टर को सुबह 3.15 बजे की फ्लाइट से इंदौर जाना था. उन्होंने सुबह उबर से एक कैब बुक की. थोड़ी देर बाद उन्होंने पाया कि कैब उनकी लोकेशन की ओर आने की बजाय कहीं और जा रही है. इसके बाद उन्होंने ड्राइवर को कॉल करने की कोशिश की लेकिन कार चालक ने फोन नहीं उठाया. डॉक्टर ने उबर के कस्टमर केयर को कॉल किया लेकिन वहां से भी कोई रिस्पॉन्स नहीं आया. नतीजा ये हुआ कि उनकी फ्लाइट छूट किया.
जिला उपभोक्ता न्यायालय ने क्या कहायह मामला सबसे जिला उपभोक्ता न्यायालय के पास पहुंचा. कोर्ट ने पाया कि उबर इंडिया की गलती है. कोर्ट का कहना है कि उबर को नोटिस भेजे गए लेकिन उनका कोई प्रतिनिधि किसी भी सुनवाई में नहीं पहुंचा. इसके बाद कोर्ट ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुना दिया. कोर्ट के फैसले के अनुसार, दिसंबर 2021 के इस मामले में उबर इंडिया की लापरवाही की वजह से डॉक्टर इंदौर जाने के लिए फ्लाइट नहीं ले पाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि डॉक्टर को दोगुने दाम पर उसी दिन के लिए दूसरी फ्लाइट बुक करनी पड़ी लेकिन फिर वह पूरा इवेंट अटेंड नहीं कर पाए. बकौल कोर्ट, उबर यह बताने में भी असफल रहा कि ऐसा क्यों हुआ और क्या इसके पीछे कोई वाजिब वजह है.
कोर्ट ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उबर को आदेश दिया कि वह दोबारा टिकट खरीदने के लिए उन्हें 24,100 रुपये का भुगतान करे. इसके साथ ही मानसिक रूप से जो तनाव डॉक्टर ने झेला उसके लिए कोर्ट ने उबर को और 30,000 रुपये देने के लिए कहा.
उबर की दलीलउबर के खिलाफ जब जिला न्यायालय ने आदेश पारित किया तब कंपनी ने इसे दिल्ली उपभोक्ता अदालत में चुनौती दी. उबर ने कहा कि उनके पास कोर्ट का कोई नोटिस नहीं आया. साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि वह बस एक एग्रीगेटर है और ड्राइवर अगर अपनी सेवा नहीं दे पाया तो इसमें उसका कोई दोष नहीं है. हालांकि, दिल्ली उपभोक्ता न्यायालय में भी कंपनी को निराशा हाथ लगी और कोर्ट ने जिला उपभोक्ता न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा.
Tags: Business newsFIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 18:24 IST
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