नई दिल्ली. रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के बाद अब इसके स्लीपर वर्जन की टेस्टिंग कर रहा है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति पर सफल परीक्षण हो चुका है. इस महीने के अंत तक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के सभी ट्रायल पूरे हो जाएंगे. इसके बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा इसका मूल्यांकन किया जाएगा. रेलवे सूत्रों का कहना है कि इस साल मई में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी.
गुरुवार को राजस्थान के बूंदी जिले में कोटा-लाबान सेक्शन पर वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल किया गया. 30 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की. इससे पहले, 1 जनवरी को रोहल खुर्द से कोटा सेक्शन पर 40 किमी के परीक्षण में ट्रेन ने 180 किमी/घंटा की गति छुई. इसी दिन कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला सेक्शन पर क्रमशः 170 किमी/घंटा और 160 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल की थी.
कब रेलवे बेड़े में शामिल होगी वंदे स्लीपर रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “परीक्षणों के बाद, ट्रेनों का अधिकतम गति पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा. अंतिम चरण पास करने के बाद ही वंदे भारत ट्रेनों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा और नियमित सेवा के लिए भारतीय रेलवे को सौंपा जाएगा.” फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में रेलवे सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस साल मई तक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन रेलवे बेड़े में शामिल हो जाएगी.
2-4 घंटे कम कर देगी यात्रा का समय विशेषज्ञों का मानना है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस के मुकाबले यात्रा समय को 2-4 घंटे तक कम कर देगी. एलारा सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष हर्षित कपाड़िया का कहना है कि इन ट्रेनों में बेहतर गति स्थिरता, अधिक आरामदायक सुविधाएं, और झटके रहित यात्रा के लिए प्रभावी ब्रेकिंग सिस्टम लगा है. वर्तमान में, मुंबई से दिल्ली के बीच चलने वाली सबसे तेज ट्रेन की औसत गति 90 किलोमीटर प्रति घंटा है. वंदे भारत स्लीपर इससे ज्यादा गति से दौड़ेगी और यात्रा कम समय में पूरा करेगी.
महंगा होगा किराया वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का किराया राजधानी और अन्य ट्रेनों से महंगा होगा. इस कारण रेलवे की यात्री आय को बढाने में यह योगदान देगी, इस पर बहुत से लोगों को संशय है. उदाहरण के लिए, वंदे भारत चेयर कार का किराया अन्य ट्रेनों के चेयर कार कोच की तुलना में 25-30% अधिक है, जिससे इसकी कुल यात्री दर प्रभावित हुई है. कपाड़िया ने कहा, “हमें उम्मीद है कि वंदे भारत स्लीपर सेवाओं का किराया भी इसी तरह प्रीमियम होगा। ये ट्रेनें मुख्य रूप से मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के यात्रियों के लिए होंगी, जो बेहतर आराम और माहौल के लिए थोड़ा अतिरिक्त भुगतान करने को तैयार होंगे.”
Tags: Indian railway, Latest railway news, Vande bharat trainFIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 09:40 IST
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