‘जब तक केस चल रहा…’, पीएम मोदी के अजमेर शरीफ में चादर चढ़ाने पर हिंदू संगठनों ने जताया ऐतराज

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PM Modi Chadar Offering on Ajmer Sharif dargah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं और इस बार ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813 उर्स पर भी उनकी ओर से चादर चढ़ाई जाएगी, लेकिन इसको लेकर जमकर राजनीति हो रही है. मस्जिदों के नीचे मंदिर निकलने वाले मुद्दे खूब चर्चा में है. पिछले कई अवसरों पर यह देखा गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी पीएम मोदी के प्रतिनिधि बनकर अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने जाया करते थे, लेकिन इस बार केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू उनके प्रतिनिधि बनकर जाएंगे. मुद्दा इतना बड़ा बन चुका है कि अब इसे लेकर हिंदू संगठनों ने ऐतराज जताया है. इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पीएम मोदी को घेरा है. 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अजमेर शरीफ दरगाह में 4 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की जाएगी. उनके खादिम अफसान चिश्ती ने बताया कि पीएम मोदी चादर हर साल गरीब नवाज की दरगाह में आती है और इस साल चादर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू सब लेकर आएंगे.
हिंदू सेना ने जताया विरोध
संभल वाले मुद्दे के बाद अब अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर भी खूब राजनीति हो रही है कुछ हिंदूवादी संगठन और नेता यह दावा कर रहे हैं कि अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर के ऊपर बनी है. वहीं पर पीएम मोदी 11वीं बार चढ़ने के लिए चादर भेज रहे हैं. यही कारण है कि हिंदू सेना के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने लगे हैं. इस दावे के साथ कि जब तक दरगाह और मंदिर का मामला अदालत में लंबित है, पीएम मोदी को अजमेर शरीफ दरगाह में चादर नहीं भेजनी चाहिए.
हिंदू सेना के अध्यक्ष ने पीएम को लिखी चिट्ठी
वही हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा है कि उन्हें किसी के चादर भेजने से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन संवैधानिक पद से अगर कोई चादर जाती है तो उनके केस पर सीधा असर पड़ेगा यही कारण है कि विष्णु गुप्ता ने चिट्ठी भेज कर आग्रह किया है कि जब तक केस चल रहा है तब तक चादर भेजने को स्थगित कर देना चाहिए. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से चादर भेज रहे हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन एक प्रधानमंत्री होते हुए वह चादर भेज रहे हैं इस केस पर उसका सीधा असर पड़ेगा. विष्णु गुप्ता का कहना है कि जब तक अयोध्या का केस चल रहा था तब तक पीएम मोदी रामलला के दर्शन करने अयोध्या नहीं गए थे क्योंकि उस समय मामला कोर्ट में लंबित था. उनका कहना है की आस्था तो हर जगह बराबर होनी चाहिए.
दबाव में न आएं पीएम मोदी 
इस मुद्दे को लेकर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि धर्म की बुनियाद पर वोट मांगे जाते हैं और इसीलिए धर्म को सियासत से परे नहीं किया जा सकता. अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में चादर चढ़ाने को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी के दबाव में न आए और चादर जरूर भेजें. यही हमारी उम्मीद होगी. अजमेर शरीफ सिर्फ एक ही धर्म के लोग नहीं जाते हैं. मुसलमान से ज्यादा तो वहां गैर मुसलमान जाते हैं. वह बोले कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने की कोशिश की जा रही है. शुक्र है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है जो भी फैसला आएगा वह सब पर लागू होगा.
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