इस्लामाबाद. पिछले 4-5 सालों में पाकिस्तान के आर्थिक हालात बुरी तरह चरमरा गए हैं. नौबत यहां तक आ चुकी है कि यह पड़ोसी मुल्क लोन के लिए आईएमएफ समेत कई देशों से कर्ज की गुहार लगा चुका है. सऊदी अरब और चीन जैसे दोस्तों ने पाकिस्तान की मदद भी की है लेकिन यह नाकाफी साबित हुई. उधर, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को लोन तो दिए पर ऊपर से कड़ी शर्तें लाद दी, खासकर सरकारी खर्चों में कटौती करने की. इसी वजह से पाकिस्तान सरकार ने बढ़ते पेंशन बिल को कम करने के लिए रिटायर्ड कर्मचारियों और सेना कर्मियों के पेंशन लाभ में भारी कटौती की है. मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली है.
समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक खबर के अनुसार वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक से अधिक पेंशन बंद करने के संबंध में तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कीं, जिनमें पहली बार मिलने वाली पेंशन में कटौती की गई तथा भविष्य में पेंशन में वृद्धि निर्धारित करने वाले आधार में भी बदलाव किया गया है.
क्यों कटाई गई पेंशन
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि लोन चुकाने, डिफेंस और डेवलपमेंट के बाद बजट में चौथा सबसे बड़ा व्यय है पेंशन. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार वेतन और पेंशन आयोग 2020 की सिफारिशों पर,‘‘यह निर्णय लिया गया है कि अब से ऐसी स्थिति में जहां कोई व्यक्ति एक से अधिक पेंशन का हकदार है उसे केवल एक पेंशन लेने का विकल्प चुनने के लिए अधिकृत किया जाएगा.’’ ये बदलाव एक जनवरी से प्रभावी होंगे.
बता दें कि पिछले 4-5 सालों में महंगाई जबरदस्त तरीके से बढ़ी है. इसके साथ ही यह देश नकदी संकट से जूझ रहा है. वहीं, पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता से भी देश के हालात खराब हुए हैं.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Tags: India pakistan, Pakistan army, Pension schemeFIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 13:28 IST
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