भारत का पुराना बिजनेस घराना भी उतरेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने के धंधे में

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नई दिल्‍ली. देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के अवसरों को भुनाने के लिए भारत का पुराना बिजनेस घराना भी इस धंधे में उतरने को बेताब है. इसके लिए मार्केट के तमाम बडे़ प्‍लेयर से बातचीत भी चल रही है. इसमें चीन की ई-वाहन बनाने वाली कंपनी गीली और बीवाईडी (Geely and BYD) भी शामिल है. भारतीय कंपनी की मंशा है कि अगर यह ज्‍वाइंट वेंचर तैयार होता है तो लांच होने वाले वाहन इसी कंपनी के ब्रांड तले आएंगे.

हम बात कर रहे हैं देश की दिग्‍गज स्‍टील कंपनी जेएसडब्‍ल्‍यू ग्रुप की. वैसे तो जेएसडब्‍ल्‍यू के लिए वाहन क्षेत्र नया नहीं है और वह पहले ही एमजी मोटर्स के साथ मिलकर एक ज्‍वाइंट वेंचर बना चुकी है. लेकिन, अब मंशा है कि अपने नाम से वाहनों को बाजार में लांच करने की. इस बार जेएसडब्‍ल्‍यू ग्रुप ने चीन का रुख किया है और वहां के मार्केट की सफल ईवी ब्रांड गीली और बीवाईडी से बातचीत शुरू की है. अगर यह सौदा पूरा होता है तो जेएसडब्‍ल्‍यू ग्रुप के पास वाहन सेक्‍टर में दो वेंचर हो जाएंगे. कंपनी ने साफ किया है कि जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया और प्रस्तावित जेएसडब्ल्यू ग्रीन मोबिलिटी दोनों ही इकाइयां स्वतंत्र रूप से संचालित होंगी.

2025 तक बन सकता है कामजेएसडब्‍ल्‍यू की मंशा ई-वाहन सेक्‍टर की संभावनाओं को भुनाने की है. कंपनी अभी चीन की 2 कंपनियों के साथ बातचीत कर रही और माना जा रहा है कि साल 2025 तक यह नया ज्‍वाइंट वेंचर बनकर तैयार भी जाएगा. कंपनी ने वेंचर बनाने से पहले ही साफ कर दिया है कि देश में लांच होने वाले वाहन उसके अपने घरेलू ब्रांड से ही बाजार में आएंगे. इसका मतलब हुआ कि ज्‍वाइंट वेंचर में ज्‍यादातर हिस्‍सेदारी जेएसडब्‍ल्‍यू की रहने वाली है.

दिग्‍गज हैं दोनों विदेशी कंपनियांजेएसडब्‍ल्‍यू ने जिन कंपनियों से अपनी बातचीत शुरू की है, उनमें गीली कंपनी वोल्वो कार्स और आंशिक रूप से लोटस कार्स की मालिक है. यह कंपनी पहले से ही इन ब्रांडों के माध्यम से भारत में अप्रत्यक्ष उपस्थिति रखती है. वहीं, बीवाईडी ने देश के उभरते ईवी बाजार में सीधा प्रवेश कर लिया है। भारत का ईवी क्षेत्र, जिसमें दोपहिया, तिपहिया और कार शामिल हैं, साल 2024 में करीब 20 लाख वाहनों की बिक्री करेगा. यह देश में ई-वाहन की बढ़ती संभावनाओं के बारे में बताता है.

दिग्‍गज कंपनियों मिल सकती है टक्‍करजेएसडब्‍ल्‍यू के ई-वाहन क्षेत्र में कदम रखने की वजह से देश की दिग्‍गज कंपनियों जैसे टाटा, महिंद्रा, ह्यूंडई को कड़ी टक्‍कर मिल सकती है. ईवी क्षेत्र में जेएसडब्ल्यू का प्रवेश उसके पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण विविधीकरण है, जो इस्पात से लेकर पेंट्स तक फैला हुआ है. समूह का ग्रीन मोबिलिटी पर ध्यान वैश्विक रुझानों और भारत के स्थायी परिवहन समाधानों पर बढ़ते जोर के साथ मेल खाता है.
Tags: Business news, Electric Car, Electric vehicleFIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 11:26 IST

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