एक और नया युद्ध! पाकिस्तान ने की एयर स्ट्राइक तो तालिबान बलों ने पाकिस्तानी सैनिक को मारी गोली

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Taliban Pakistan War: पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर अफगान तालिबान बलों द्वारा की गई गोलीबारी में पाकिस्तानी अर्धसैनिक बल के एक जवान की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए. गोलीबारी की यह घटना पाकिस्तान द्वारा प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के कुछ दिन बाद हुई.

रक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि अफगान सैनिकों ने शनिवार सुबह ‘अपर कुर्रम’ जिले में कई पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर बिना उकसावे के गोलीबारी की. सूत्रों ने बताया कि अफगान सैनिकों ने घोजगढ़ी, माथा संगर, कोट राघा और तारी मेंगल इलाकों में स्थित सीमा चौकियों पर हल्के व भारी हथियारों से गोलीबारी की.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे दूसरी तरफ भी काफी नुकसान हुआ और गोलीबारी में अफगान सेना के सात से आठ जवान मारे गए. सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी में पाकिस्तान ‘फ्रंटियर कॉन्स्टेबुलरी’ का एक जवान मारा गया और 11 अन्य जवान घायल हो गए.

गोलीबारी की यह घटना ऐसे समय हुई जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर प्रतिबंधित टीटीपी आतंकवादियों पर हमला किया.

शुक्रवार रात आतंकवादियों ने अफगान तालिबान द्वारा नियंत्रित चौकियों का उपयोग कर पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसपैठ करने का प्रयास किया जिसे विफल कर दिया गया। इसके बाद अफगान तालिबान बलों ने शनिवार को हमला किया.

पाकिस्तान ने किया था एयर स्ट्राइक

बीते मंगलवार रात को पाकिस्तानी ने अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक किया जिसमें कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें से मृतकों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं थीं.

तालिबान शासन ने इस मुद्दे पर इस्लामाबाद के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है और चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता एक लाल रेखा है. हालांकि इस्लामाबाद ने एयरस्ट्राइक पर अभी कुछ नहीं बोला.

कभी दोस्त माने जाने वाले पाकिस्तान और अफगानिस्तान आज एक दूसरे के सामने खड़े हैं. आखिर ये दोस्ती दुश्मनी में कैसे बदल गई:-

इस्लामाबाद और काबुल के बीच दुश्मनी की सबसे बड़ी वजह तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी या पाकिस्तानी तालिबान). टीटीपी का उद्देश्य पाकिस्तानी सशस्त्र बलों और राज्य के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाकर पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकना है.

हाल के दिनों में, इस्लामाबाद ने बार-बार अफगान सरकार पर सशस्त्र समूहों, विशेष रूप से टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाया है. टीटीपी के बारे में उसका दावा है कि वह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर सीमा पार से हमले करता है. हालांकि काबुल इस्लामाबाद के दावे को खारिज करता रहा है.

पिछले हफ्ते ही, टीटीपी के लड़ाकों ने दक्षिणी वज़ीरिस्तान में कम से कम 16 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की ज़िम्मेदारी ली थी. यह सुरक्षाकर्मियों पर हाल ही में हुए सबसे घातक हमलों में से एक था.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में पाकिस्तानी राजनयिक उस्मान इकबाल जादून ने कहा, “6,000 लड़ाकों के साथ टीटीपी अफगानिस्तान में सक्रिय सबसे बड़ा सूचीबद्ध आतंकवादी संगठन है. हमारी सीमा के नजदीक सुरक्षित ठिकानों के साथ, यह पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए एक सीधा और दैनिक ख़तरा है.”

आंकड़े बताते हैं कि विशेष तौर पर पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में, हमलों और मौतों में वृद्धि हुई है. ये दोनों प्रांत अफगानिस्तान की सीमा से सटे हैं.

पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अनुसार, इस साल के पहले 10 महीनों में 1,500 से ज्यादा हिंसक घटनाओं में कम से कम 924 लोगों की मौत हुई है. हताहतों में कम से कम 570 कानून प्रवर्तन कर्मी और 351 नागरिक शामिल हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद स्थित शोध संगठन, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज़ (पीआईसीएसएस) ने 2024 में अब तक 856 से ज्यादा हमलों की रिपोर्ट की है, जो 2023 में दर्ज की गई 645 घटनाओं से ज़्यादा है.

 

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