Online Will: लोग अक्सर वसीयत (Will) बनाने को लेकर टाल-मटोल करते रहते हैं, क्योंकि इसे लेकर कई भ्रांतियां और डर मन में होते हैं. लेकिन, वसीयत केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि एक जरूरी समाधान है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्ति के निधन के बाद उसकी इच्छा पूरी हो और उसके मन-मुताबिक प्रियजनों का ध्यान रखा जाए. पारंपरिक तरीकों से वसीयत बनवाने में काफी समय और पैसा लगता है, लेकिन इसे आप आसान तरीके और किफायती खर्च में बनवा सकते हैं, वह भी ऑनलाइन.
आमतौर पर लोगों को यह पता ही नहीं कि ऑनलाइन भी वसीयत बनवाई जा सकती है. ऑनलाइन वसीयत उन लोगों के लिए खास है जो ज्यादा टाइम नहीं दे सकते और कहीं आना-जाना नहीं चाहते. यहां तक कि वकीलों से भी संपर्क करने की जरूरत नहीं है. भारत में अधिकांश लोग ऑनलाइन वसीयत बनवा सकते हैं. हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लिए शरीयत कानूनों की विशेषज्ञता की आवश्यकता होने के कारण उन्हें व्यक्तिगत और विशेष सेवाएं लेनी पड़ती हैं.
मनीकंट्रोल के मुताबिक, ऑनलाइन वसीयत की लागत सर्विस प्रोवाइडर और वसीयत की जटिलता पर निर्भर करती है. कुछ प्लेटफार्म साधारण वसीयत एक निश्चित फीस पर प्रदान करते हैं, जबकि कुछ अन्य आपकी संपत्ति और लाभार्थियों की संख्या के आधार पर शुल्क लेते हैं. उदाहरण के तौर पर, विलजीनी (WillJini) 5,500 रुपये से, और वकीलसर्च (Vakilsearch) 4,499 रुपये से वसीयत बनवाने की सुविधा देते हैं. ध्यान रहे, इसमें स्टांप ड्यूटी और अन्य खर्चे शामिल नहीं हैं.
कब जरूरत पड़ती है वसीयत कीआपको विवाह, बच्चों के जन्म, संपत्ति प्राप्ति, बिजनेस की शुरुआत, या किसी बड़ी घटना के समय वसीयत तैयार करना चाहिए. इसके अलावा, अपनी वसीयत को हर 3-5 साल में अपडेट करना भी जरूरी है, ताकि यह बदलते हालात के अनुसार आपकी इच्छाओं को दर्शा सके.
हालांकि ऑनलाइन वसीयत तैयार करना सुविधाजनक है, लेकिन इसे पूरी तरह इंटरनेट पर लागू नहीं किया जा सकता. भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के अनुसार, वसीयत पर टेस्टेटर (वसीयत बनाने वाले) को कम से कम दो गवाहों की उपस्थिति में हस्ताक्षर करने होते हैं.
ऑनलाइन वसीयत के फायदे और नुकसानऑनलाइन वसीयत बनाने के फायदे कई हैं. सबसे पहले, प्रक्रिया काफी सरल और सुविधाजनक है, जिसमें किसी कानूनी जानकारी की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा, ऑनलाइन वसीयत बनाने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत भी नहीं होती. ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया फास्ट है और जल्दी पूरी होती है. इसके अलावा, ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया में निष्पक्षता और गलतियों का कम जोखिम होता है.
हालांकि, ऑनलाइन वसीयत बनाने के कुछ नुकसान भी हैं. सबसे पहले, ऑनलाइन वसीयत बनाने के लिए वकील की सलाह उस तरीके से नहीं मिल पाती, जैसा कि आमने-सामने बैठकर मिल सकती है. ऑनलाइन वसीयत बनाने की प्रक्रिया व्यक्तिगत इच्छाओं को पूरी तरह से शामिल करने में असमर्थ हो सकती है, जो एक महत्वपूर्ण चीज है. इसके अलावा, ऑनलाइन वसीयत बनाना कुछ लोगों के लिए अनुपयुक्त हो सकता है, जैसे ज्यादा संपत्ति वाले व्यक्ति या जटिल पारिवारिक परिस्थितियां. इसलिए, व्यक्तियों को ऑनलाइन वसीयत बनाने से पहले अपनी परिस्थितियों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहिए.
Tags: Property, Property disputeFIRST PUBLISHED : December 28, 2024, 22:57 IST
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