नई दिल्ली. जीवन बीमा आपके परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए बहुत अहमियत रखता है. विशेषकर तब जब आप परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य हों. जीवन बीमा अब दो तरह के उपलब्ध हैं- टर्म इंश्योरेंस और पारंपरिक जीवन बीमा. इन दोनों में से किसी एक का चुनने को लेकर आमतौर पर लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं. उन्हें यह समझ नहीं आता कि कौन सा बीमा लेना उनके लिए सही रहेगा और ज्यादा बेनेफिट मिलेगा. इस भ्रम को दूर करने के लिए इन दोनों के बीच के अंतर और इनकी खूबियों और खामियों को समझना जरूरी है.
टर्म इंश्योरेंस एक सरल और शुद्ध जोखिम कवरेज करने वाली स्कीम है. यदि पॉलिसी अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति का निधन हो जाता है, तो उसके द्वारा बनाए गए नॉमिनी को एक निश्चित राशि (मृत्यु लाभ) मिल जाते हैं. यदि बीमित व्यक्ति पॉलिसी अवधि तक जीवित रहता है, तो उसे कोई पैसा नहीं मिलता. इसलिए, टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पारंपरिक जीवन बीमा की तुलना में काफी कम होते हैं.
टर्म इंश्योरेंस के लाभ
उच्च सम एश्योर्ड: टर्म प्लान्स कम प्रीमियम पर उच्च कवरेज प्रदान करते हैं. उदाहरण के लिए, आप अपनी आयु और स्वास्थ्य के आधार पर ₹500-1,000 मासिक प्रीमियम में ₹1 करोड़ का कवरेज प्राप्त कर सकते हैं.
कम लागत और लचीलापन: टर्म प्लान्स केवल जीवन कवरेज पर केंद्रित होते हैं, जिससे प्रीमियम किफायती रहते हैं. कई टर्म प्लान्स अतिरिक्त राइडर्स जैसे गंभीर बीमारी कवर, आकस्मिक मृत्यु लाभ, या प्रीमियम माफी का विकल्प भी प्रदान करते हैं, जो सुरक्षा को और बढ़ाते हैं.
टर्म इंश्योरेंस की सीमाएं
कोई परिपक्वता लाभ नहीं: यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि तक जीवित रहता है, तो कोई भुगतान नहीं किया जाता. यह कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
सीमित अवधि: आमतौर पर, टर्म प्लान्स 40 वर्षों तक या पॉलिसीधारक के 75 वर्ष की आयु तक कवरेज प्रदान करते हैं. इसके बाद कवरेज समाप्त हो जाता है. इसे रिन्यू करवाया जा सकता है.
जीवन बीमा (Life Insurance)पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी, जैसे एंडोमेंट और मनी-बैक योजनाएं, बीमा कवरेज के साथ-साथ निवेश या बचत घटक को जोड़ती हैं. इसका अर्थ है कि मृत्यु लाभ के अलावा, यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि तक जीवित रहता है तो उसे परिपक्वता लाभ भी मिलते हैं. जीवन बीमा पॉलिसियां गारंटीकृत भुगतान प्रदान करती हैं और दीर्घकालिक बचत योजनाओं के रूप में लोकप्रिय हैं.
जीवन बीमा के फायदे
परिपक्वता लाभ: यदि आप पॉलिसी अवधि तक जीवित रहते हैं, तो आपको भुगतान प्राप्त होता है, जिससे ये बीमा और निवेश दोनों के रूप में आकर्षक बनते हैं.
बचत: समय के साथ ये पॉलिसियां एक नकद मूल्य संचित करती हैं, जो वित्तीय सुरक्षा के रूप में कार्य कर सकती हैं.
टैक्स लाभ और लोन: संचित नकद मूल्य के खिलाफ आवश्यकता पड़ने पर ऋण लिया जा सकता है. इन पॉलिसियों पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट भी ली जा सकती है.
जीवन बीमा की सीमाएं
ज्यादा प्रीमियम, कम कवरेज: पारंपरिक जीवन बीमा योजनाओं के प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस की तुलना में अधिक होते हैं. समान प्रीमियम राशि के लिए सम एश्योर्ड कम होता है. उदाहरण के लिए, जिस प्रीमियम पर ₹1 करोड़ का टर्म कवर मिलता है, उसी पर जीवन बीमा में केवल ₹10-₹20 लाख का कवर मिल सकता है.
कम रिटर्न: पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसियों की संरचना जटिल हो सकती है. इनका रिटर्न म्यूचुअल फंड जैसे अन्य निवेश साधनों की तुलना में कम होता है.
किसे लेना ज्यादा फायदेमंदयदि आप अपने परिवार के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए किफायती, उच्च कवरेज की तलाश में हैं, तो टर्म इंश्योरेंस आपके लिए फायदेमंद है. यदि आप युवा हैं, आपके आश्रित बच्चे या वृद्ध माता-पिता हैं, या आपके पास होम लोन जैसी देनदारियां हैं तो टर्म प्लान लेना आपके लिए ठीक रहेगा.
वहीं, अगर आप ज्यादा प्रीमियम चुकाने में समर्थ हैं और बीमा लाभ के अलावा बचत भी करना चाहते हैं, तो आपके लिए जीवन बीमा सही है. चाहे आप टर्म इंश्योरेंस चुनें या पारंपरिक जीवन बीमा, पर्याप्त कवरेज होना आवश्यक है ताकि आपके परिवार को वित्तीय स्थिरता मिल सके.
Tags: Business news, Insurance Policy, Life Insurance, Personal financeFIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 14:55 IST
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