Digital Arrest Case in Bengluru: देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में बेंगलुरु के रहने वाले एक 68 वर्षीय व्यक्ति को 1.94 करोड़ रुपये गंवाने पड़े हैं. साइबर जालसाज ने पीड़ित व्यक्ति को सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उसे करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया. इस मामले की शुरुआत 30 नवंबर को हुई, जब पीड़ित व्यक्ति को व्हाट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आई. कॉल करने वालों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और पीड़ित व्यक्ति पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया.
पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि जालसाजों ने उसे भारतीय कारोबारी नरेश गोयल के साथ एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी होने की बात कही. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पकड़े गए 247 ATM कार्ड्स में से एक उसका है. उसने आगे बताया कि जालसाजों ने पहले जांच के लिए उसे मुंबई आने को कहा, लेकिन बाद में डिजिटल अरेस्ट कर बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी.
डिजिटल अरेस्ट में रहते हुए पीड़ित व्यक्ति ने डर के मारे 7 दिनों के भीतर 1.94 करोड़ रुपये जालसाजों के खाते में ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद जालसाजों ने उसे डरा-धमकाकर चुप करवा दिया और किसी और से इस बारे में बात करने से मना कर दिया.
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
एक हफ्ते के बाद 7 दिसंबर को पीड़ित व्यक्ति ने अपनी बेटी को इस बारे में बताया. बेटी उसे तुरंत पुलिस स्टेशन ले गई, जहां उन्होंने जालसाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. पहले यह मामला साउथ ईस्ट बेंगलुरु के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया, जहां से इसे CEN पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है.
पुलिस ने क्या बताया?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित से बैंक डिटेल लेने के बाद जालसाजों को पता चल गया कि उसने अपना पैसा कहां लगा रखा है. इसके बाद उन्होंने पीड़ित व्यक्ति से वह पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिया. अधिकारी ने बताया कि नरेश गोयल जैसे कारोबारियों का नाम लेकर ठगी करना आम हो गया है. पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं.
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