राजस्थान में ‘ड्रग कंट्रोल डिपोर्टमेंट’ ने दवाइयों खास कार्रवाई की है. उन्होंने नकली दवाओं के मामले में एक आदेश जारी किया है. जिसमें उन्होंने 7 अलग-अलग कंपनियों की 9 दवाइयों की कुछ बैच पर रोक लगा दी है. इस पूरे जांच में 4 दवाइयां नकली पाई गई है. इन 5 दवाइयों के सैंपल में कुछ ऐसे तत्व मिल हैं तो पूरी तरह से अमानक हैं. इन दवाइयों में कैल्शियम, खांसी, जुकाम, एंटी एलर्जी की दवाइयों के साथ-साथ इंजेक्शन और मेंटल हेल्थ को ठीक करने वाली दवाओं के साथ-साथ खून पतला करने वाले इंजेक्शन भी शामिल है.
दवाइयों में सनोफी इंडिया लिमिटेड के एविल इंजेक्शन का बैच पूरी तरह से अमानक मिला है. मानसिक तौर पर बीमार लोगों को नींद के लिए जो इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. वह भी इस लिस्ट में शामिल है. इसके अलावा विटामिन डी-3 की गोलियां और कैल्शियम कार्बोन की दवा पर भी बैन लगाई गई है. सिस्टोल रेमेडीज कंपनी की टेल्मीसर्टन और एम्लोंडीन सॉल्ट वाली सुपाटेल-टिरियों, मैसर्स एंड क्योर हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की अल्पोजलम टेबलेट अमानक मिली है.
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एलर्जी और खांसी-जुकाम की दवा पर लगा बैन
मैसर्स एस्पर फार्मास्टूटिकल्स की निोस्लाइड पेरासिटामोल टेबलेट पर बैन लगा दी गई है. मैसर्स एडविन फार्मा एलसीमास्क की दवाइयों के सैंपल में अमानक तत्व लिए गए हैं.
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खून पतला करने वाली दवा हेपारिन सोडियम इंजेक्शन और इंफेक्शन कंट्रोल करने वाली दवा सल्फामैथोक्साजोल और ट्राइमेथोप्रिम के इंजेक्शन में भी अमानक तत्व मिले हैं. ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर ने बताया कि सिस्टोल रेमेडीज कंपनी की टेल्मीसटर्न और एम्लोडिपीन सॉल्ट और सुपाटेल-टिरियो के तीन बैच जोकि हाइपरटेंशन वाली बीमारी में खाई जाती है. उस पर बैन लगाया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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