नई दिल्ली. महंगाई का मतलब है समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में सामान्य वृद्धि, जिससे धन की खरीदने की शक्ति घटती है. उदाहरण के लिए, अगर महंगाई दर 5% है, तो जो वस्तु आज ₹100 की है, वह एक साल बाद ₹105 की हो जाएगी. इसका मतलब है कि अगर आपके निवेश की वृद्धि दर महंगाई दर के बराबर या उससे अधिक नहीं है, तो आपका रियल रिटर्न नकारात्मक हो सकता है.
आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिनके जरिए आप अपनी मेहनत की कमाई और सेविंग्स को बचा सकते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)एफडी सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसकी ब्याज दरें महंगाई को मुश्किल से पार करती हैं. यदि एफडी की ब्याज दर 6% और महंगाई 5% है, तो वास्तविक लाभ केवल 1% रहेगा.
शेयर बाजारशेयर बाजार लंबे समय में महंगाई से बेहतर रिटर्न दे सकता है. लेकिन यह जोखिमभरा और अस्थिर होता है. निवेशकों को लंबी अवधि की योजना और धैर्य रखना जरूरी है.
रियल एस्टेटसंपत्ति की कीमतें और किराया आमतौर पर महंगाई के साथ बढ़ते हैं. हालांकि, इसमें उच्च लेन-देन लागत और रखरखाव खर्च होता है.
सोनासोना महंगाई के दौरान सुरक्षित निवेश माना जाता है. हालांकि, यह आय उत्पन्न नहीं करता और इसकी कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है.
बॉन्ड्ससरकारी बॉन्ड सुरक्षित होते हैं, लेकिन इनकी तय ब्याज दरें महंगाई के सामने कमजोर हो सकती हैं.
महंगाई से बचाव की रणनीति
डायवर्सिफिकेशनशेयर, बॉन्ड, रियल एस्टेट और कमोडिटी में निवेश का संतुलन जोखिम और रिटर्न को संतुलित करता है.
लंबी अवधि के निवेशशेयर और रियल एस्टेट में उच्च रिटर्न पाने की संभावना होती है. अपनी पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा और सुधार करें.
विशेषज्ञ की रायएडिल शेट्टी, सीईओ, बैंकबाजार.कॉम, कहते हैं, “महंगाई आपकी धनराशि की खरीदारी शक्ति को प्रभावित करती है. निवेश को ऐसा होना चाहिए जो महंगाई दर को कम से कम पार कर सके.”
Tags: Business news, Personal financeFIRST PUBLISHED : December 8, 2024, 21:21 IST
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