बांग्लादेश कोर्ट ने शेख हसीना के हेट स्पीच के प्रसारण को किया बैन

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Bangladesh Court Order on Sheikh Hasina: बांग्लादेश की एक ट्रिब्यूनल ने गुरुवार (5 दिसंबर) को अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के “हेट स्पीच” के प्रसारण पर बैन लगा दिया. अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर अगस्त क्रांति के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या का आरोप है. जिसके कारण उन्हें देश छोड़ना पड़ गया.

बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICT) शेख हसीना के खिलाफ “सामूहिक हत्या” सहित कई अन्य आरोपों की जांच कर रहा है, जो हसीना पर अगस्त संघर्ष के दौरान हुए थे. जिसके बाद उन्हें देश छोड़कर पड़ोसी देश भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

अभियोजक ने हसीना के भाषणों पर बैन लगाने पर क्या कहा?

अभियोजक गोलम मोनावर हुसैन तामिम ने पत्रकारों से कहा, “शेख हसीना वर्तमान में कई मामलों में आरोपित हैं, जिनकी ट्रिब्यूनल की ओर से जांच की जा रही है.” उन्होंने आगे कहा, “हमने उनकी हेट स्पीच के प्रसारण पर बैन लगाने की मांग की है, क्योंकि इससे कानूनी प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है या गवाहों और पीड़ितों को डराया जा सकता है.”

उन्होंने कहा, ‘यह पुष्टि करते हुए कि ICT ने इस प्रतिबंध को लागू करने पर सहमति दी है.’ अभियोजक ने आगे कहा, “यदि उनके भाषणों का प्रसारण जारी रहता है, तो ट्रिब्यूनल में गवाहों को लाना मुश्किल हो जाएगा.”

शेख हसीना के संबोधन के बाद आया ट्रिब्यूनल का आदेश

बांग्लादेश ट्रिब्यूनल का यह आदेश न्यूयार्क में आयोजित अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के दिए वर्चुअल संबोधन देने के कुछ दिन बाद आया है. जिसमें शेख हसीना ने अपने संबोधन में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख नेता मुहम्मद युनूस पर “सामूहिक हत्या” का आरोप लगाया था.

शेख हसीना के तख्तापलट से पहले मारे गए थे सैकड़ों लोग

बांग्लादेश में शेख हसीना अपदस्थ होने से कुछ हफ्तों पहले सैकड़ों लोग मारे गए थे. जिनमें से अधिकांश की मौत पुलिस की गोलीबारी के कारण हुई थी. वहीं, उनकी सत्ता के गिरने के बाद कई और लोगों की मौत हुई. जिसमें ज्यादातर उनके अवामी लीग पार्टी के प्रमुख समर्थक थे.

ICT को शेख हसीना ने किया था स्थापित

2010 में बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पाकिस्तान के खिलाफ देश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई क्रूरता की जांच के लिए ICT को स्थापित किया था. इसके बाद कई वर्षों में ICT ने कई प्रमुख राजनीतिक विपक्षी नेताओं को मृत्युदंड दिया है.

अदालत पर नियमित रूप से लगे है आरोप

इस अदालत पर नियमित रूप से उचित ट्रायल के मानकों को पूरा न करने और शेख हसीना के ओर से अपने प्रतिद्वंद्वियों को समाप्त करने के एक साधन के रूप में देखने का आरोप लगता आय़ा है.

अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की भारत से की मांग

मुहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत से प्रत्यर्पण की मांग की है ताकि उन्हें ट्रिब्यूनल की ओर से उनका परीक्षण किया जा सके.

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