Security Conference 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (30 नवंबर) को भुवनेश्वर में वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन के दूसरे दिन देश की पुलिस और खुफिया तंत्र के सीनियर अधिकारियों के साथ बातचीत की. इस गोपनीय बैठक में अलग-अलग राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई.
बैठक में भारत के विकास को बाधित करने के लिए तकनीक का उपयोग करने वाली विरोधी ताकतों, सीमा पार आतंकवाद, तस्करी, आंतरिक कट्टरपंथ और वामपंथी उग्रवाद जैसे कई मुद्दों पर गहन चर्चा की गई. साथ ही अधिकारियों ने पिछली बैठकों में किए गए फैसलों की प्रगति की जानकारी प्रधानमंत्री को दी. पीएम मोदी ने इन विषयों पर अपने सुझाव दिए जिन्हें सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों को क्रियान्वयन के लिए अगले एक साल में लागू करने को कहा जाएगा.
पीएम मोदी ने दिया पुलिसिंग को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाने पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा के अनुरूप पुलिस विभागों को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाना आवश्यक है. उन्होंने जोर देकर कहा, “पुलिस विभागों को साइलो में काम करने के बजाय आपस में जानकारी और डेटाबेस शेयर करना चाहिए ताकि अपराध और अपराधियों पर काबू पाया जा सके.”
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वी सीमाओं पर अवैध प्रवासन और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया जिसमें म्यांमार और बांग्लादेश के साथ की सीमाएं शामिल हैं.
शहरी पुलिसिंग और डिजिटल खतरों पर चर्चा
सम्मेलन में “शहरी पुलिसिंग” की चुनौतियों पर भी चर्चा हुई. इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर धमकी के कारण स्कूल-कॉलेज और हवाई सेवाओं के बाधित होने अपराधियों की ओर से कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर “डिजिटल गिरफ्तारी” करने जैसी घटनाओं का विश्लेषण किया गया.
इसके साथ ही आतंकवाद और उसके समर्थन तंत्र पर भी विचार-विमर्श हुआ. नई आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के कार्यान्वयन की स्थिति पर भी चर्चा की गई.
11 सालों से पीएम मोदी ले रहे हैं सम्मेलन में हिस्सा
प्रधानमंत्री ने बीते 11 सालों में हर सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया है और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को आकार देने में एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में विकसित किया है. 2014 से ये सम्मेलन उग्रवाद, युवाओं के कट्टरपंथीकरण, साइबर अपराध और सुरक्षा ढांचे के आधुनिकीकरण जैसे मुद्दों पर विचार-मंथन के लिए एक मंच बन चुका है.
सम्मेलन में 200 से ज्यादा सीनियर अधिकारियों की भागीदारी
जानकारी के अनुसार इस साल का सम्मेलन 200 से ज्यादा सीनियर पुलिस और केंद्रीय बलों के अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ. बता दें कि भुवनेश्वर में हुए इस सम्मेलन में कई अधिकारी ऑनलाइन भी जुड़े. ये आयोजन भारतीय खुफिया ब्यूरो (IB) की ओर से आयोजित किया गया था और प्रधानमंत्री ने इसे “उत्पादक” करार दिया. पीएम ने अपने सोशल मीडिया पर इसे भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया.
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