महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे कई लोगों के लिए चौंकाने वाले हैं. फिलहाल महायुति 225 सीटों पर और महाविकास अघाड़ी 55 सीटों पर आगे चल रही है. 8 सीटों पर निर्दलीय और अन्य पार्टियों समेत अन्य उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. बीजेपी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 132 सीटें जीतने में कामयाब रही हैं. लेकिन इन सबके बीच महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार के करीबी उम्मीदवारों की हार चर्चा में है. आइए जानते हैं कौन हैं वे उम्मीदवार जो शरद पवार की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके.
साल 2023 में शरद पवार की एनसीपी दो गुटों में बंट गई. उनके भतीजे अजित पवार ने एकनाश शिंदे गुट के साथ सरकार बना ली. इसके बाद शरद पवार ने अपनी पार्टी का नाम एनसीपी-शरद चंद्र पवार रखा था. पार्टी के बंटने के साथ-साथ शरद पवार के कई करीबी नेता अजित पवार के खेमे में चले गए थे. इनमें छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, चेतन तुपे और दिलीप वल्से पाटिल जैसे नेता शामिल हैं. ये नेता शरद पवार के असली ताकत माने जाते थे.
नई एनसीपी में नए करीबी
पार्टी में टूट के बाद शरद पवार के करीब नए-पुराने नेता आए और उन्होंने कई नेताओं पर फिर से भरोसा जताया है. 2024 विधानसभा चुनाव में शरद पवार ने अपने जिन करीबियों पर भरोसा जताया था, वे हैं बारामती से शरद पवार की पार्टी के उम्मीदवार युगेंद्र पवार, इंदापुर से हर्षवर्द्धन पाटिल, शिरूर से अशोक राव साहब पवार, जुन्नर से सत्यशील शेरकर, अंबेगांव से देवदत्त निकम, हडपसर से प्रशांत जगताप, खडकवासल से सचिन दोडके. लेकिन इन सभी उम्मीदवारों हार का सामना करना पड़ा.
शरद पवार ने अजित पवार के सामने उनके भतीजे को उतारा
जिस तरह शरद पवार को उनके भतीजे अजित पवार से बगावत मिली थी, इसी तर्ज पर शरद पवार ने अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार को बारामती से चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन इस बार भतीजे के आगे चाचा ज्यादा मजबूत पड़ गए. अजित पवार ने करीब एक लाख वोटों से जीत हासिल की. इसके साथ ही शरद पवार का ‘चाचा-भतीजा’ वाला दांव भी धरा का धरा रह गया.
इन करीबियों की भी मिली मात
शरद पवार के एक और करीबी हर्षवर्द्धन पाटिल इंदापुर विधानसभा सीट हार गए है. उन्हें दत्तात्रेय विठोबा भरणे ने करीब 19 हजार वोटों से हराया है. वहीं शिरूर सीट से अशोक राव साहब पवार की करारी हार का सामना करना पड़ा है, उन्हें एनसीपी के मौली अबा खटके ने 74 हजार वोटों से हराया है. जुन्नर से सत्यशील शेरकर भी अपनी सीट हार गए. उन्हें शरद दादा भीमाजी सोनवणे ने 8 हजार वोटों से हराया. वहीं अंबेगांव से देवदत्त निकम भी हार गए. हडपसर से प्रशांत जगताप, खडकवासल से सचिन दोडके भी अपनी सीट हार गए.
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