Maharashtra-Jharkhand Assembly Election 2024: महाराष्ट्र की अगली सरकार चुनने के लिए 288 सीटों पर पहले चरण के तहत आज (20 नवंबर 2024) मतदान हो रहा है. वहीं, झारखंड की बची हुई 38 सीटों पर दूसरे चरण के तहत वोटिंग हो रही है. दोनों ही राज्यों की मतगणना शनिवार को होगी. इसके बाद नई सरकार का रास्ता साफ हो जाएगा.
झारखंड में अभी कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन की सरकार है और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं. दूसरी तरफ महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट गठबंधन महायुति की सरकार है. एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं दोनों राज्यों के चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें…
9 पॉइंट में समझिए झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की हलचल
288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति – एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – और विपक्षी महा विकास अघाड़ी, जो एनसीपी के शरद पवार के गुट, शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट और कांग्रेस का गठबंधन है, के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है.
सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह राज्य में बढ़त हासिल करने का यह दूसरा मौका है, जिसे कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनावों में बहुत अच्छी सफलता नहीं मिली थी.
महायुति एकनाथ शिंदे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, खासकर “लाडली बहन योजना” पर काफी हद तक निर्भर है. शिंदे ने कहा है कि उनकी योजनाएं समाज के हर वर्ग को कवर करती हैं.
विपक्ष को उम्मीद है कि यह चुनाव लोकसभा चुनाव की तर्ज पर होगा. पिछले दो वर्षों के राजनीतिक उथल-पुथल के बाद लोगों से समर्थन का एक स्पष्ट प्रदर्शन जिसमें शिवसेना और एनसीपी में विद्रोह और विभाजन और उद्धव ठाकरे सरकार को गिराना शामिल है.
विपक्ष ने अपना अभियान कोटा, जाति जनगणना, कृषि मुद्दों और कल्याणकारी योजनाओं के इर्द-गिर्द बनाया है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि नतीजे ज्यादातर स्थानीय मुद्दों पर निर्भर होने की उम्मीद है.
दोनों पक्षों में शीर्ष पद को लेकर भी अनिश्चितता है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना उन्हें फिर से शीर्ष पद पर देखना चाहती है. कई सर्वेक्षणों ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता घोषित किया है, लेकिन देवेंद्र फड़णवीस, जो पिछली बार शिंदे और उनके बागियों को खुश रखने की भाजपा की मजबूरी के कारण पद से चूक गए थे, वह सीएम की रेस में आगे हैं. इस बार उन्हें पार्टी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह का समर्थन भी प्राप्त है.
विपक्षी एमवीए में उद्धव ठाकरे सीएम पद की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस उन्हें नाकाम कर सकती है, जो लोकसभा चुनावों में राज्य में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने स्पष्ट किया कि जिस पार्टी के पास अधिक विधायक होंगे, उसे शीर्ष पद मिलेगा.
झारखंड में, चुनाव का यह दूसरा चरण सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी के चुनावी भाग्य का फैसला करेगा.
2019 के विधानसभा चुनावों में मुकाबला करीबी था, जिसमें झामुमो ने 30 सीटें जीती थीं और भाजपा ने 25 सीटें हासिल की थीं, जो 2014 में 37 थीं. झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 47 सीटों के साथ आरामदायक बहुमत हासिल किया.
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