ट्रंप ने अपने दो बड़े समर्थकों को सबसे अहम काम सौंपा है, जो चाबुक चलाने जैसा होगाइन दोनों की अगुवाई में जो विभाग बनाया गया है वो अमेरिका में ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाएगाघोटाले सामने आएंगे. 75 फीसदी सरकारी कर्मचारियों की छंटनी का काम भी होगा
राष्ट्रपति चुने जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप फुल फॉर्म में हैं. तेजी से टास्क तय कर रहे हैं, टीम लीड बना रहे हैं. कई सिपाहसलारों को खास जिम्मेदारियां सौंप दी हैं. 20 जनवरी से शुरू होने वाले नए टर्म में वह एक बिल्कुल नया विभाग बनाने जा रहे हैं, जिसका नाम है – डिपार्टमेंट ऑफ गर्वनमेंट एफिसिएंसी (Department of Government Efficiency) यानि सरकारी दक्षता विभाग. इसके मुखिया भारतवंशी विवेक रामास्वामी और चर्चित उद्योगपति एलन मस्क होंगे. माना जा रहा है कि ये विभाग अगर सही तरीके से काम कर गया तो अमेरिका में हाहाकार मचा देगा. सबसे ज्यादा असर बेलगाम ब्यूरोक्रेसी पर पडे़गा.
जानते हैं ये मंत्रालय क्या काम करेगा. सरकारी दक्षता विभाग एक औपचारिक संघीय एजेंसी के रूप में काम नहीं करेगा बल्कि ये कंस्लटेंट की भूमिका वाला डिपार्टमेंट होगा. ये अपने तरीके से काम करेगा, केवल ट्रंप के प्रति जवाबदेह होगा.
अगर इस विभाग ने वाकई तरीके से काम किया तो अमेरिका में दो सालों में इतनी बड़ी उठापटक करेगा, जो आज तक नहीं हुआ है. ये सरकारी विभागों और एजेंसियों से 75 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों की छुट्टी कर देगा. निकम्मे विभागों को भंग कर देगा. विभाग सही तरीके से काम करें इसके लिए उन्हें फिर से रिस्ट्रक्चर करेगा. सबसे बड़ी बात ये है कि ये सरकारी खर्चे के बेहिसाब इस्तेमाल पर काफी हद तक रोक लगा देगा. ये भी माना जा रहा है कि इसके काम से अमेरिका में बड़े बड़े आर्थिक घोटालों का फंडाफोड़ हो सकता है.
वह ट्रंप प्रशासन के सुधारों को लागू करने के लिए व्हाइट हाउस और प्रबंधन और बजट कार्यालय के साथ मिलकर काम करेगा. ये विभाग केवल डेढ़ साल के लिए होगा. यानि मस्क और रामास्वामी का काम 4 जुलाई, 2026 तक ही होगा. उन्हें इसी पीरियड में अपना काम पूरा कर लेना है. अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा की 250वीं वर्षगांठ पर उनका विभाग देश को बिल्कुल नए तरह के सुधारों की सौगात देगा.
मस्क और विवेक दोनों ट्रंप के प्रमुख समर्थक
एलन मस्क एक प्रमुख उद्यमी और व्यवसायी हैं, जिन्हें स्पेसएक्स के सीईओ और प्रमुख डिजाइनर तथा टेस्ला इंक के सीईओ और उत्पाद वास्तुकार के रूप में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है. 53 साल के मस्क प्रिटोरिया, दक्षिण अफ्रीका में पैदा हुए. उन्हें तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में हैं.
ट्रंप ने छोटी उम्र में ही खुद कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीख ली. 17 साल की उम्र में क्वीन्स यूनिवर्सिटी में पढ़ने कनाडा चले गए. बाद में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय गए. फिजिस्क और इकोनॉमिक्स दोनों में डिग्री हासिल की. उन्होंने कई तरह के नए उद्यम स्थापित किए, जो बहुत फायदे में हैं. मस्क के पास दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता है. उनकी कई बार शादी हो चुकी है. कई बच्चे हैं.
चुनावों के दौरान वह ट्रंप के अभियान के एक प्रमुख समर्थक रहे हैं. उन्होंने चुनावों में काफी फंडिंग भी की. उनसे सरकारी दक्षता के लिए एक उद्यमी दृष्टिकोण इस काम में देने की उम्मीद है.
विवेक गणपति रामास्वामी एक अमेरिकी उद्यमी और राजनीतिज्ञ हैं, जो बायोटेक उद्योग में अपनी भागीदारी और अपनी हालिया राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए जाने जाते हैं. 9 अगस्त 1985 को ओहियो के सिनसिनाटी में केरल के भारतीय अप्रवासी माता-पिता के घर जन्मे रामास्वामी ने व्यवसाय और राजनीति दोनों में महत्वपूर्ण प्रगति की है.
रामास्वामी ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में डिग्री के साथ स्नातक किया. बाद में येल लॉ स्कूल से कानून की डिग्री हासिल की. फरवरी 2023 में, रामास्वामी ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की. बाद में अपना अभियान स्धगित कर दिया और ट्रंप का समर्थन करने लगे. रामास्वामी का विवाह गले के सर्जन अपूर्व तिवारी से हुआ. उनके बच्चे भी हैं.
ये नया विभाग क्या करेगा
मस्क का कहना है कि ये पहल “पूरी व्यवस्था में हलचल पैदा करेगी” और सरकारी खर्चों में बर्बादी करने वालों को निशाना बनाएगी. रामास्वामी ने भी इसी बात को दोहराया. ठोस सुधार हासिल करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता की ओर इशारा किया. ये खासतौर पर अमेरिका की बेलगाम ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाएगा.
दरअसल अमेरिकी संघीय सरकार का वार्षिक बजट $6.5 ट्रिलियन का होता है. इसमें बड़े पैमाने पर धन की बर्बादी होती है. अनाप-शनाप खर्च किए जाते हैं. बड़े-बड़े स्कैम होते हैं. ट्रंप अपने चुनाव अभियान के दौरान भाषणों में ये बात लगातार उठाते रहे हैं. इसकी सफाई पर जोर देते रहे हैं.
क्या करेंगे ये – रोकेंगे बर्बादी, सामने लाएंगे स्कैम
अमेरिका सरकार हर साल बहुत मोटी रकम का अपना सालाना बजट बनाती है. फिर हर विभाग को बजट आवंटन होता है. माना जा रहा है कि इस एलोकेशन पर सही तरह से ना तो काम होता है और ना ही उसे इस बजट को सही तरीके से खर्च किया जाता है. ना ही उसकी बेहतर समीक्षा होती है, लिहाजा ये मस्क और रामास्वामी का विभाग सरकार के सभी विभागों और संघीय एजेंसियों के सारे खर्च ब्यौरों और कामकाज का ऑडिट करेगी. इससे ये तस्वीर बेहतर तरीके से सामने आ सकेगी कि कहां पैसा नाहक तौर पर बर्बाद किया जा रहा है. कहां धन का कितना सही उपयोग हो रहा है.
बेलगाम ब्यूरोक्रेसी पर लगाएंगे लगाम
DOGE यानि डिपार्टमेंट ऑफ गर्वनमेंट एफिसिएंसी से नौकरशाही बाधाओं को खत्म करने और अक्षमताओं को बढ़ाने वाले ज्यादा खर्चों को रेगुलराइज करके कम करेगा. प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा. विभाग का लक्ष्य सरकारी संचालन को अधिक चुस्त और उत्तरदायी बनाना है.
हर काम में लाएंगे ट्रांसपेरेंसी
मस्क ने पारदर्शिता के महत्व पर जोर दिया है, जिसमें कहा गया है कि DOGE द्वारा की गई सभी कार्रवाइयों को सार्वजनिक रूप से जारी किया जाएगा. इसमें सरकारी खर्च पर नज़र रखने और बर्बादी के क्षेत्रों को उजागर करने के लिए एक “लीडरबोर्ड” बनाना शामिल है, जिससे नागरिक सरकार को उसके खर्च के लिए जवाबदेह ठहरा सकें और जान सकें कि उनके टैक्स के पैसे का उपयोग सरकार किस तरह कर रही है.
कर्मचारियों की बडे़ पैमाने पर छंटनी
सरकारी विभागों और संघीय एजेंसियों में काम कर रहे लोगों की संख्या बड़े पैमाने पर घटाई जा सकती है. रामास्वामी ने संघीय कार्यबल में महत्वपूर्ण कटौती का प्रस्ताव दिया है, माना जा रहा है कि ये दोनों संभावित रूप से अमेरिकी विभाग में कर्मचारियों की संख्या को 75% तक कम कर सकता है. ये छंटनी इतनी बड़ी होगी कि अमेरिका में भूचाल आ सकता है. माना जाता रहा है कि अमेरिका में हर विभाग और संघीय एजेंसियों के भीतर जरूरत से ज्यादा स्टाफ है. ये छंटनी के बाद कहीं बेहतर तरीके से काम करने लगेगा.
कुछ विभाग भंग तो कुछ नए सिरे से बनेंगे
सरकारी दक्षता विभाग कुछ संघीय एजेंसियों को भंग करने की बात कर सकता है. कुछ को फिर से पुनर्गठित करने का प्रस्ताव दे सकता है. ताकि एक ही काम दो अलग विभागों से नहीं हो. अभी अमेरिका में कई ऐसे विभाग हैं, जो एक जैसे काम कर रहे हैं. और कुछ विभाग अपना काम सही तरीके से नहीं कर रहे.
कितने दिनों में ये सब करेंगे मस्क और रामास्वामी
DOGE का व्यापक लक्ष्य संघीय संचालन में दक्षता बढ़ाते हुए सरकारी खर्च में पर्याप्त कटौती हासिल करना है. इस काम के लिए उसकी समयसीमा 4 जुलाई, 2026 तक होगी. तब तक उसे ये काम पूरा कर लेना है. माना जा रहा है कि अमेरिका 2026 में जब अपनी स्वतंत्रता की 250वीं वर्षगांठ मना रहा हो तो राष्ट्र को एक कम खर्चीली सरकार की एक रूपरेखा पेश की जा सके, जो देश के लिए एक प्रतीकात्मक उपहार की तरह होगा. कुल मिलाकर मस्क और रामास्वामी को पारदर्शिता, जवाबदेही और संघीय खर्च में अपव्यय और धोखाधड़ी को रोकने का काम करना है.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 12:41 IST
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