Justice Sanjeev Khanna: राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ लेंगे. यह समारोह सुबह 10 बजे से शुरू हो जाएगा.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे, जो 10 नवंबर को दो साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं. केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति की घोषणा 24 अक्टूबर, 2024 को की थी. आइये जानते हैं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के बारे में:
चार दशकों से ज्यादा लंबा रहा है करियर
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का न्यायिक करियर चार दशकों से अधिक का है. 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में शामिल होने के बाद उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में जाने से पहले दिल्ली की तीस हजारी जिला अदालतों में अपनी प्रैक्टिस शुरू की. उन्होंने आयकर विभाग के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य किया.
2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नत होकर वे 2006 में स्थायी न्यायाधीश बन गए. इसके बाद वो किसी भी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा किए बिना जनवरी 2019 में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने थे.
कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे
सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस खन्ना ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं. इसमें चुनाव में ईवीएम की उपयोगिता बनाए रखना, चुनावी बांड योजना को खारिज करना, अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण के फैसले को कायम रखना और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना शामिल है.
पिता भी थे हाईकोर्ट क जज
जस्टिस खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के बेटे हैं. वो शीर्ष कोर्ट के पूर्व जज एचआर खन्ना के भतीजे हैं. हाईकोर्ट में जज बनने से पहले वो अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील थे. 14 मई, 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस ला सेंटर से कानून की पढ़ाई की है.
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