क्या 1 करोड़ रुपये रिटायरमेंट के लिए हैं काफी, क्या होगी आज से 20 साल बाद उसकी वैल्यू?

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नई दिल्ली. आज की आर्थिक दुनिया में महंगाई एक महत्वपूर्ण पहलू बन चुकी है, जो न केवल हमारी मौजूदा खर्च करने की क्षमता को प्रभावित करती है बल्कि भविष्य में हमारी वित्तीय योजनाओं को भी नई चुनौतियां देती है. महंगाई के चलते हर वस्तु और सेवा की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं. उदाहरण के लिए, 1970 के दशक में एक सिनेमा टिकट की कीमत ₹1 से भी कम थी, जो अब मेट्रो शहरों में ₹200 से ऊपर है.

ऐसे में सवाल उठता है कि महंगाई क्यों होती है. भविष्य में महंगाई का असर आपके द्वारा बचाए गए फंड पर कितना होगा. आइए इन सवालों का एक-एक करके जवाब जानने की कोशिश करते हैं. पहले जानते हैं कि महंगाई कैसे होती है.

कॉस्ट-पुश महंगाई: जब किसी उत्पाद के निर्माण में लगने वाली सामग्री की कीमतें बढ़ जाती हैं, तो कंपनियां इसे उपभोक्ताओं पर डाल देती हैं, जिससे चीजें महंगी हो जाती हैं.

डिमांड-पुल महंगाई: जब किसी उत्पाद या सेवा की मांग उसकी आपूर्ति से अधिक हो जाती है, तो कीमतें अपने आप बढ़ने लगती हैं.

अधिक पैसा छापना: जब सरकारें अधिक मुद्रा छापती हैं, तो बाजार में पैसे की आपूर्ति बढ़ जाती है, लेकिन अगर सामान और सेवाओं की संख्या उतनी नहीं बढ़ती, तो चीजें महंगी हो जाती हैं.

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का लक्ष्य महंगाई को 4% के आस-पास रखना है. हालांकि, कुछ समय में महंगाई नियंत्रण में रही है, लेकिन दीर्घकालिक वित्तीय योजनाएं बनाते समय इसे ध्यान में रखना जरूरी है, क्योंकि समय के साथ महंगाई पैसे की क्रय शक्ति को कम करती है.

1 करोड़ जमा करने में लगा कितना समयअगर हम मानते हैं कि आप हर महीने ₹10,000 का एसआईपी (SIP) निवेश करते हैं और उस पर 12% सालाना ब्याज मिलता है, तो 20 साल में ₹1 करोड़ का फंड तैयार हो सकता है. लेकिन महंगाई के चलते 20 साल बाद इस ₹1 करोड़ की क्रय शक्ति कम हो जाएगी.

महंगाई दर को 6% मानते हुए:

20 साल बाद ₹1 करोड़ की कीमत आज के ₹31.18 लाख के बराबर होगी.30 साल बाद यह घटकर करीब ₹17.41 लाख रह जाएगी.50 साल बाद यह और भी घटकर केवल ₹5.43 लाख के आस-पास ही रह जाएगी.

इससे यह स्पष्ट है कि महंगाई के कारण लंबे समय में धन का वास्तविक मूल्य घटता जाता है. इसलिए, ₹1 करोड़ की रकम इकठ्ठा करना महत्वपूर्ण है, लेकिन दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महंगाई को ध्यान में रखना भी जरूरी है. वित्तीय योजना बनाते समय महंगाई के असर को कम करने के लिए उच्च रिटर्न वाले निवेश विकल्प चुनना और अपने वित्तीय लक्ष्यों को समय-समय पर पुनः मूल्यांकित करना आवश्यक हो सकता है.
Tags: Business newsFIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 19:53 IST

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