अब डोनाल्ड ट्रंप कहीं से मंगाकर बिग बर्गर और पिज्जा नहीं खा सकेंगेउनके किचन में बन रहा खाना भी पूरी निगरानी में बनेगा, उसको पहले सीक्रेट सर्विस जांचेगीअब खुद ना तो किसी से सीधे मिल पाएंगे और ना बाहर निकल पाएंगे
जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 48वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए, वैसे ही वह उसी सख्त प्रोटोकाल के तहत आ गए, जिसमें अमेरिका के प्रेसीडेंट को रहना ही होता है. वह अपने मन से बहुत कुछ नहीं कर पाएंगे. इसके लिए उन्हें सीक्रेट सर्विस और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. यहां तक अपना पसंदीदा बिग मैक बर्गर और पिज्जा भी कहीं से मंगाकर नहीं खा सकते. अव्वल तो इसकी अनुमति ही नहीं मिलती. अगर मिली तो भी इसे उन तक पहुंचने से पहले कई जांच से गुजरना होगा. उनके किचन पर भी व्हाइट हाउस के किचन स्टाफ का कब्जा हो जाएगा.
प्रेसीडेंट पोस्ट पर चुने जाते ही अब डोनाल्ड ट्रंप उन सारी बंदिशों के तहत आ चुके हैं, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति को रहना पड़ता है. अब वह जो भी वह खाएंगे पीएंगे, उसके लिए उन्हें खास खानपान निर्देशों का पालन करना पड़ेगा. वह वही खा पाएंगे, जो प्रोटोकॉल में उनकी स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों के लिए उचित माना जाएगा.
वह मैक बिग बर्गर खाते हैं, जमकर कोक पीते हैं
हालांकि ट्रंप जब वर्ष 2016 से 2020 तक व्हाइट हाउस में रहते थे और अमेरिका के प्रेसीडेंट थे, तब तक वह खानपान में अपनी मनमर्जी करने के लिए अड़ जाते थे. उनकी जिद के कारण ही पहली बार व्हाइट हाउस में पहली बार बाहर से मैक बिग बर्गर उनके लिए मंगाया जाता था. वह कोक जमकर पीते हैं. वह ऐसे राष्ट्रपति थे, जो अपने बटन से व्हाइट हाउस के किचन से 24 घंटे कुछ ना कुछ डिमांड करते रहते थे.
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाते ही वह प्रेसीडेंट इलेक्ट के प्रोटोकॉल के तहत आ गए हैं. (एपी)
खानपान का पूरा प्रोटोकॉल, क्या खाना है और क्या नहीं
वैसे अमेरिका के राष्ट्रपति के खानपान का एक पूरा प्रोटोकॉल है, जो बताता है कि उन्हें क्या खाना और क्या नहीं खाना है. इसकी लिस्ट है. अब वह जो भी खाएंगे, उन सभी भोजन की यू.एस. सीक्रेट सर्विस द्वारा सावधानीपूर्वक निगरानी और जांच की जाएगी. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि उनके भोजन के साथ कोई छेड़छाड़ न की गई हो या कोई स्वास्थ्य जोखिम न हो.
अब व्हाइट हाउस तैयार करेगा खाना
व्हाइट हाउस में बैठे प्रेसीडेंट के साथ प्रेसीडेंट इलेक्ट का खानपान भी विश्वसनीय व्हाइट हाउस शेफ या जांचे-परखे कैटरर्स द्वारा तैयार किया जाता है. तो अब डोनाल्ड ट्रंप का खाना या तो सीधे व्हाइट हाउस से आएगा या फिर व्हाइट हाउस किचन का कोई स्टाफ उनके किचन में आकर उनका भोजन तैयार करेगा. हालांकि ट्रंप इसमें भी मनमर्जी करते हैं. वह पूरी कोशिश करेंगे उनकी मौजूदा किचन से कोई छेड़छाड़ नहीं हो, बेशक उस पर प्रोटोकॉल के तहत नजर रख ली जाए. लेकिन ये बात सही है कि उनके भोजन पर नजर रखने के लिए कड़े खाद्य सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.

डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ ही अमेरिका की सीक्रेट सर्विस सुरक्षा उनके लिए और कड़ी कर दी गई है. (AP फोटो)
पहले कोई खाने को चखेगा भी
जैसे देश में राजा-महाराजाओं के खाने से पहले उनका भोजन कोई चखता था. उसी तरह प्रेसीडेंट और प्रेसीडेंट इलेक्ट के लिए भी किया जाता है. उनके स्टाफ में उनके भोजन चखने वाले भी रहते हैं. यह सावधानी विषाक्तता या खराब भोजन के जोखिम को कम करती है.
स्वास्थ्य के लिए कंट्रोल खाना
राष्ट्रपति इलेक्ट के आहार की भी चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा निगरानी की जाती है ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे. ट्रम्प के लिए खास फास्ट फूड को देखा जाएगा कि वो कैसे पौष्टिक रहें. वैसे ट्रंप जब राष्ट्रपति थे तो वो खानपान से संबंधित प्रोटोकॉल को हमेशा तोड़ने वाले प्रेसीडेंट माने जाते थे.
राष्ट्रपति-चुनाव यानि प्रेसीडेंट इलेक्ट के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के पास लोगों से मिलने और बाहर जाने के लिए विशिष्ट प्रोटोकॉल होंगे. इनका उद्देश्य उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनके पद की गरिमा का सम्मान देना होता है.

डोनाल्ड ट्रंप अब जीत के बाद प्रेसीडेंट इलेक्ट बन गए हैं. अगले 75 दिनों तक अमेरिका की सत्ता उन्हें हस्तांतरित रहेगी. वह तमाम जरूरी मीटिंग में हिस्सा लेना शुरू कर देंगे. अब अमेरिका की हर जरूरी कार्रवाई में उनकी सहमति भी जरूरी होगी. (एपी)
सीक्रेट सर्विस सुरक्षा
राष्ट्रपति-चुनाव को पूर्णकालिक सीक्रेट सर्विस सुरक्षा मिलती है, जो आउटिंग, सार्वजनिक उपस्थिति या बैठकों के लिए एडवांस प्लानिंग करती है. वह हर तरह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. हालांकि कुछ लचीली भी होती हैं. अब उनके लिए बगैर बताए अचानक बाहर जाना मुश्किल हो जाएगा. जैसा वो पिछले चार सालों से कर रहे थे. वो बेशक किसी रेस्तरां या प्रोग्राम में जा सकते हैं लेकिन इसको उन्हें सीक्रेट सर्विस के साथ पहले से तय करना होगा.
मीटिंग प्लेस की सुरक्षा पहले से पुख्ता रहेगी
अब अगर ट्रंप को कहीं मीटिंग के लिए या प्रोग्राम में जाना होगा, तो उसकी सूचना उनके पास एडवांस ही रहनी चाहिए. जिससे उनके सर्विस एजेंट पहले से वहां पहुंचकर सुरक्षा को मुकम्मल कर सकें. अब ट्रंप से उनके स्टाफ के अलावा कोई भी शख्स सीधे नहीं मिल सकता. उसकी बैकग्राउंड की जांच होगी. और पूरी सुरक्षाजांच भी.
विवादास्पद जगहों पर मौजूदगी से बचना होगा
अब तक डोनाल्ड ट्रंप का इतिहास किसी भी विवादित जगह पर जाने का रहा है लेकिन अब नए प्रोटोकॉल में वह ऐसा नहीं कर पाएंगे. राष्ट्रपति-चुनाव को संभावित रूप से उन्हें जोखिम भरे या विवादास्पद सार्वजनिक स्थानों से बचने की सलाह दी जाएगी.
अब उनको अपने बयान भी सोचसमझकर देने होंगे और ये सीधे पब्लिक नहीं होंगे बल्कि इसको उससे पहले सावधानी के लिए देखा जाएगा. इसका उद्देश्य मौजूदा प्रशासन की नीतियों के बारे में भ्रम पैदा किए बिना पारदर्शिता बनाए रखना है. विदेश नीति या अन्य संवेदनशील मुद्दों के बारे में सीधे बयान आमतौर पर सीमित होते हैं.
सुरक्षित कार दी जाएगी और सुरक्षित जहाज भी
वैसे तो अभी ट्रंप को प्रेसीडेंट की सुरक्षा वाली कारों का लंबा चौड़ा काफिला नहीं मिलेगा लेकिन उन्हें सुरक्षित वाहन का उपयोग करना होगा. ये उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा. उसके साथ हमेशा सीक्रेट सर्विस के लोग अपने वाहनों से साथ चलेंगे. हवाई यात्रा भी कर सकेंगे लेकिन एयर फ़ोर्स वन से नहीं बल्कि प्रेसीडेंट इलेक्ट को एक सुरक्षित विमान दिया जाता है. अब वह अपने निजी विमान से यात्रा नहीं कर सकेंगे.
Tags: Donald Trump, US President, US Presidential Election 2024
FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 14:10 IST
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