नई दिल्ली. मिग-21 भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सबसे पुराने लड़ाकों विमानों में से है. इसे भारतीय वायुसेना में शामिल करने की शुरुआत 1966 में हुई थी. 1970 तक यह वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े की रीड की हड्डी बन गया. लेकिन अब जल्द ही मिग-21 को हमेशा के लिए विदा कर दिया जाएगा. 2025 में इन्हें आधिकारिक रूप से रिटायर किया जाना है. कई दशकों तक भारतीय वायुसेना की ताकत रहे मिग-21 को किसने बनाया इसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं.
ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसके बारे में जानकारी ही बहुत कम उपलब्ध है. मिग-21 का निर्माण रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) की एक कंपनी मिकोयान ने किया था. इसका पुराना नाम मिकोयान एंड गुरेविच था. यह एक प्रमुख सोवियत विमान डिज़ाइन ब्यूरो है. मिकोयान का पेरेंट कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन है. इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, 2013 में मिकोयान के पास 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी थे. कंपनी ने 1959 से 1985 तक लगभग 11,000 मिग-21 का निर्माण किया. बाद में भारत की हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड ने इसका लाइसेंस प्राप्त किया और कुल 874 मिग-21 अपने बेड़े में शामिल किए.
उड़ता ताबूतसाल 2000 तक वायुसेना की शान रहे मिग-21 को सुरक्षा कारणों से ‘उड़ता ताबूत’ कहा जाने लगा. बड़ी संख्या में इसके क्रैश होने ने इसे ये नाम दिलाया. इसमें कई इंजन सीज होने जैसी कई मैकेनिकल प्रॉब्लम्स भी आने लगीं. मिग की कम रेंज और पेलोड भी एक समस्या बनकर उभरी. सोवियत रूस ने इसका इस्तेमाल 1985 में ही बंद कर दिया था लेकिन भारत इसे अपग्रेड के साथ लगातार चलाता रहा. अब 2025 में इसका इस्तेमाल एयरफोर्स में पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा.
प्लेन के बारे मेंमिग-21 एक सोवियत डिज़ाइन किया गया सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, मिग-21 का उपयोग दुनिया भर में 60 से अधिक देशों द्वारा किया गया है और इसे विभिन्न संघर्षों में व्यापक रूप से तैनात किया गया, विशेष रूप से एशिया और मध्य पूर्व में. इसके कई संस्करण बनाए गए, जिनमें शामिल हैं:मिग-21Fमिग-21FLमिग-21Mमिग-21bis
क्या थी खूबी?मिग-21 तुलनात्मक रूप से सस्ता फाइटर एयरक्राफ्ट था. यह हल्का जहाज था जो अपने उन्नत डिजाइन की वजह से Mach 2.0 तक की गति प्राप्त कर सकता है. इसलिए भी भारतीय वायुसेना अपग्रेड के साथ इसे इस्तेमाल करती रही. भले ही यह आज के लड़ाकू विमानों की तुलना में पुराना माना जाए लेकिन एक समय तक इसने युद्ध क्षेत्रों पर राज किया था.
Tags: Business news, India DefenceFIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 17:43 IST
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